दिल्ली की सरकारी टीचर दुनिया के टॉप-50 टीचर्स में

साभार/ नई दिल्ली। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल की टीचर आरती कानूनगो ने ग्लोबल टीचर प्राइज के टॉप 50 (Delhi Government school Teacher Aarti in list of top 50 teachers of world) में अपनी जगह बनाई है। आरती को बधाई देने वालों में परिवार, दोस्त, स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी शामिल हैं। ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ (Global Teacher Prize) टीचिंग स्ट्रैटिजी और सोसायटी के साथ जुड़कर एजुकेशन पर काम करने वाले टीचर्स को मिलता है। आरती ने लड़कियों की शिक्षा, मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता और हैपीनेस क्लास की तकनीक के बदौलत यह मुकाम हासिल किया। इस अवॉर्ड के लिए 179 देशों में से दस हजार टीचर्स ने अप्लाई किया था।

इस बारे में आरती कहती हैं – ग्लोबल टीचर प्राइज की यह रेस कुछ और लंबी है। इसमें दुनिया के कई देशों के बेहतरीन टीचर्स से मेरा मुकाबला हो रहा है…। मुझे उम्मीद है कि इस प्रतियोगिता के जरिए मैं अपने देश के एजुकेशन सिस्टम का खूबसूरत नमूना दुनिया को दिखा सकूंगी। गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल, स्कूल ब्लॉक-शकरपुर में इंग्लिश टीचर आरती 17 साल से बच्चों को पढ़ा रही हैं।

पिछले साल आरती को बेस्ट टीचर का स्टेट प्राइज भी मिला था। वह 6वीं से 10वीं क्लास तक पढ़ाती हैं और उनकी पसंदीदा क्लास है – हैपीनेस क्लास। दिल्ली सरकार की मुहिम ‘हैपीनेस करिकुलम’ की अपने स्कूल में को-ऑर्डिनेटर आरती ही हैं। वह कहती हैं – हैपीनेस क्लास से बच्चों का स्ट्रेस खत्म हुआ है और वे कॉन्फिडेंट बने हैं।

आरती कहती हैं – मुझे इस प्रतियोगिता के बारे में 9वीं में पढ़ने वाली मेरी बेटी अनन्या ने बताया था। मेरे लिए उसकी आंखों में इतना कॉन्फिडेंस था कि मैंने अप्लाई कर दिया। पहले फॉर्म भरा, जिसमें 10 सवालों के जवाब 3000 शब्दों में देने थे। इसके साथ-साथ अपनी सोसायटी में एजुकेशन से जुड़े अपने काम के विडियो भी भेजने थे।

इसके बाद फोन पर इंटरव्यू, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इंटरव्यू का सिलसिला चला। अब 10 फाइनलिस्ट फरवरी में चुने जाएंगे और 24 मार्च को दुबई में फाइनल रिजल्ट आएगा। विनर को दुबई में 1 मिलियन डॉलर (करीब 7 करोड़ रुपये) दिए जाएंगे जो कि उसे कम्युनिटी वर्क में लगाने होंगे।

आरती कहती हैं कि शुरुआत से ही मुझे मालूम था कि टीचर का रोल समाज में बहुत खास है। मुझे लगता है कि वे समाज में एक खास बदलाव ला सकते हैं। अगर हम अपने बच्चों से रिश्ता बना पाएं, उनसे जुड़ पाएं, तो हम उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बनकर उनकी राह खूबसूरत बना सकते हैं।




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