CBI Vs CBI: प्रदर्शन के बाद राहुल ने दी गिरफ्तारी

साभार/ नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के कदम के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआई मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद गिरफ्तारी दी। साथ ही राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से धन चुराया और वह सच से भाग सकते हैं लेकिन छिप नहीं सकते हैं।

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराते हुए गांधी ने एक बार फिर उन्हें चौकीदार कह कर पुकारा और कहा कि उन्होंने 30,000 करोड़ रुपये अनिल अंबानी की जेब में जमा किए। राहुल ने लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में गिरफ्तारी देने के बाद कहा, ”उन्होंने भारतीय वायुसेना और युवाओं से पैसा चुराया और पूरा देश इस बात को समझता है। प्रधानमंत्री सच से भाग सकते हैं लेकिन उससे छिप नहीं सकते।”

राहुल के आरोपों पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एक ओर जहां अंबानी आरोपों को लगातार खारिज कर रहे हैं वहीं बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर राफेल सौदे को लेकर हर दिन झूठ गढ़ने का आरोप लगाया है। गांधी ने कहा, ”सच सामने आकर रहेगा”। साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक को हटाने से सच प्रभावित नहीं होगा।

इससे पहले कांग्रेस प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने मोदी पर सीबीआई, चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप भी लगाया. अशोक गहलोत, अहमद पटेल, मोतीलाल वोरा, वीरप्पा मोइली और आनंद शर्मा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उस मार्च में हिस्सा लिया जो सीबीआई मुख्यालय पहुंचने से पहले एक विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गया.

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, सीपीआई नेता डी राजा और तृणमूल कांग्रेस के नदीम-उल-हक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। दिल्ली की ही तरह देश के अन्य हिस्सों में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किए। कांग्रेस इस कदम को सीबीआई निदेशक को अवैध, असंवैधानिक और अनुचित तरीके से हटाया जाना करार दे रही है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ए के पटनायक, वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की सीवीसी जांच की निगरानी करेंगे और साथ ही उनसे दो हफ्ते के भीतर कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के अंतरिम प्रमुख ए नागेश्वर राव कोई भी प्रमुख नीतिगत फैसला नहीं लेंगे और राव द्वारा 23 अक्टूबर तक लिया गया कोई भी फैसला लागू नहीं होगा। साथ ही कहा कि राव द्वारा लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

 


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