मुजफ्फरपुर में महिला की मौत पर नीतीश सरकार से जवाब तलब

महिला की मौत मामले में हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन (Muzaffarpur Railway Station) के प्लेटफार्म पर महिला की मौत मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) ने स्वत संज्ञान लेते हुए इस मामले पर सुनवाई की है। पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर की घटना पर नीतीश सरकार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने इसे जनहित का मामला करार देते हुए राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर रेलवे प्लेटफार्म के उस दर्दनाक वीडियो के मामले पर 28 मई को सुनवाई की। जिसमें एक महिला की मौत के बाद उसका बच्चा वही खेलते हुए नजर आया था। देशभर में यह वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हुआ और यह जानकारी सामने आई कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आ रही महिला की मौत सफर के दौरान ही हो गई।

हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान हैरानी जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और सदमा पैदा कर देने वाली स्थिति है। वीडियो को देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, भारतीय रेल, बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और अन्य को पक्षकार बनाते हुए जवाब तलब किया है।

हाई कोर्ट ने 28 मई को मामले की सुनवाई करने के बाद दोपहर 2:15 बजे तक सरकार से जवाब मांगा। हाईकोर्ट में निम्न बिंदुओं पर जवाब मांगा है जिसमें–

  • 1. उस महिला की मौत वाकई भूख के कारण हुई या किसी अन्य वजह से?
  • 2. मृत महिला का पोस्टमार्टम कराया गया था या नही?
  • 3. मृतक महिला अपने बच्चे के साथ अकेले सूरत से आ रही थी या उसके साथ उसके कोई परिवार वाला था?
  • 4. उसकी मौत की जानकारी के बाद पुलिस व अन्य महकमे ने फौरन क्या कदम उठाए. उसका अंतिम संस्कार रीति रिवाजों के साथ हुआ या नही?
  • 5. मृतका के बच्चे किसके संरक्षण में है और उसकी देखभाल कौन कर रहा है?

साथ ही इस जनहित मामले में युवा एडवोकेट आशीष गिरी को बतौर “कोर्ट मित्र” ( अमेक्स क्यूरी ) नियुक्त करते हुए कोर्ट ने उन्हें जनहित याचिकाकर्ता के वकील के तौर पर सुनवाई में कोर्ट को सहायता देने का भी अनुरोध किया है। हाईकोर्ट ने जिन पांच बिंदुओं पर सरकार से जवाब तलब किया, उस पर लंच टाइम के बाद सुनवाई हुई।

राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सूर्य देव यादव ने कोर्ट को जानकारी दी कि मीडिया में छपी रिपोर्ट आंशिक तौर पर सही है। महिला मानसिक तौर पर बीमार थी और परित्यक्त थी। कटिहार की रहने वाली महिला गुजरात के सूरत से घर वापस लौट रही थी। उसके साथ उसकी बहन और बहनोई भी थे, लेकिन यात्रा के दौरान उसकी प्राकृतिक तरीके से मौत हो गई। महिला के बहनोई ने मुजफ्फरपुर आकर रेलवे के अधिकारियों को इस बाबत जानकारी दी। जिसके बाद डेड बॉडी की जांच पड़ताल के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया, हालांकि इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई और ना ही पोस्टमार्टम हुई।

मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने महिला के मृत शरीर और उसके बच्चों को परिजनों के साथ कटिहार एंबुलेंस से भेजने का प्रबंध किया और आवश्यक सामान भी मुहैया कराया गया है। कोर्ट राज्य सरकार के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार इस घटना का पूरा ब्यौरा परिस्थितियों की जानकारी हलफनामा दायर कर अगली सुनवाई में दे। साथ ही साथ अनाथ बच्चे की मौजूदा स्थिति के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएं।कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 3 जून को करेगी।

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