जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम बिहारी ने पार्टी छोडा

आरएलएसपी का दामन थामा

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार (Bihar) की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड को बड़ा झटका लगा है। जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और चेनारी के पूर्व विधायक श्याम बिहारी राम ने 26 जुलाई को जेडीयू को बाय-बाय कर दिया और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का दामन थाम लिया। बता दें कि 2010 से 2015 तक श्याम बिहारी राम चेनारी विधानसभा से जेडीयू के विधायक थे।

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। फिर भी वे संगठन में बने रहे और पार्टी के विभिन्न पदों पर काम करते रहे। डेहरी में रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में आयोजित मिलन समारोह में श्याम बिहारी राम ने आरएलएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने बताया कि वे लगातार संगठन के लिए काम कर रहे थे। फिर भी पार्टी उन्हें तवज्जो नहीं दे रही थी। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी संशय बरकरार है।

ऐसी स्थिति में उनका फैसला लेना लाजमी था। JDU छोड़कर रालोसपा का दामन थामे राम ने कहा कि सरकार की तमाम योजनाएं धरातल पर उतरने के बजाय फेल हो रही है। ऐसे में कार्यकर्ता अपने आप को पूरी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। अब जेडीयू में उनके जैसे जुझारू कार्यकर्ताओं के लिए कोई स्थान नहीं बचा है। इसीलिए अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ उन्होंने रालोसपा का हाथ थाम लिया है।

रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने राम का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि राम के आने से खासकर शाहाबाद क्षेत्र में रालोसपा को और मजबूती मिलेगी। श्याम बिहारी राम एक जुझारू कार्यकर्ता हैं और जमीन से जुड़े रहे हैं। पूर्व विधायक राम शुरू के दिनों से ही संघर्षशील नेता रहे हैं। नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने कभी भी जमीनी और संघर्षशील नेताओं को तवज्जो नहीं दिया। यही कारण है कि बारी-बारी से उनके तमाम मजबूत सहयोगी नीतीश का साथ छोड़ रहे हैं।

वर्ष 2010 में जेडीयू के टिकट से श्याम बिहारी राम पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने चेनारी सुरक्षित विधानसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद प्रत्याशी ललन पासवान को हराया था। लेकिन 2015 के चुनाव में चेनारी सीट रालोसपा के खाते में चली गई। जहां 2010 का विधानसभा चुनाव राजद की टिकट से हार चुके ललन पासवान रालोसपा का दामन थाम कर चेनारी में 2015 में मैदान में आ गए। सीट गठबंधन में जाने पर राम का टिकट कट गया। फिर भी राम जदयू में बने रहे और संगठन के लिए लगातार काम करते रहे।

बदलते घटनाक्रम के साथ रालोसपा के विधायक रहे ललन पासवान जेडीयू में चले गए। ऐसे में अब चेनारी सीट पर जेडीयू के सीटिंग विधायक ललन पासवान हो गए। जेडीयू में पासवान का कद अचानक बड़ा होने के कारण राम को अपना राजनीतिक भविष्य अंधकार में दिखने लगा था। ऐसी स्थिति में राम ने पॉलिटिकल डिसीजन लेते हुए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में जाना मुनासिब समझा। अब देखना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस दलबदल का चेनारी की राजनीति में क्या प्रभाव पड़ता है।

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