रंगीन मछलियों का हब बनेगा बिहार

रंगीन मछली पालन के लिए सरकार देगी 60 प्रतिशत तक अनुदान

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। अगर आप भी रंगीन मछली पालन करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही बिहार (Bihar) में भी रंगीन मछलियों का उत्पादन शुरू होगा और सरकार इसके लिए आपको अनुदान भी देगी। जिसके लिए सरकार की तरफ से तैयारी की गई है।

इस योजना के पीछे सरकार की मंशा रंगीन मछली उत्पादन, बिक्री और एक्वेरियम निर्माण के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं और महिलाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जानकारी के अनुसार समान्य वर्ग को 40 प्रतिशत और एससी-एसटी, ओबीसी समेत सभी वर्ग की महिलाओं को 60 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।

राज्य सरकार ने पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। इसी साल यह योजना शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। शुरू में यह योजना पटना, मुजफ्फरपुर सहित राज्य के 8 जिलों में लागू होगी। इसके बाद बाकि के जिलों में लागू किया जाएगा।

उत्पादन के लिए मत्स्य निदेशालय इस योजना के तहत किसानों, युवाओं व महिलाओं को कोलकाता में प्रशिक्षण दिलाएगा। अभी कोलकाता से ही रंगीन मछलियों की आपूर्ति होती है। यहां गोल्डफिश, कोइकर्प, जेब्रा डामियो, ब्लैक बिडो, एंजल चिचलेट, ब्रूडल एंजल, टेट्रा, नियोन टेट्रा, सर्पा टेट्रा, बबल्स, एंजलफिश, रेडलाइन, तारपीडो, लोचेज, लिफफिश, गप्पीज, मौली, स्वार्डटेल और प्लेटी मछलियों का उत्पादन किया जाएगा।

  • इटीग्रेटेड: रंगीन मछली फार्मिंग के लिए 500 वर्गमीटर हैचरी की लागत 25 लाख प्रति इकाई है। जिसमें साल में एक लाख रंगीन मछली का उत्पादन होगा।
  • मीडियम: 150 वर्गमीटर की लागत इकाई 8 लाख रुपए है। इसमें एक साल में  30 से 32 हजार रंगीन मछली का उत्पादन होगा।
  • छोटा: 300 फीट की लागत 3 लाख रुपए है। इसमें साल में  लगभग 10 हजार मछली का उत्पादन होगा।

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