चुनाव आते ही बंद पड़े सब शुरू एवं चुनाव बाद सब बंद- बंदना सिंह

शिलान्यासित गंगापुर आईटीआई कालेज पर श्वेतपत्र जारी करें सांसद- बंदना

एस.पी.सक्सेना/ समस्तीपुर (बिहार)। काठ की हांडी एक बार की कहावत समस्तीपुर (Samastipur) में चरितार्थ नहीं होता। यहाँ काठ की हांडी बार- बार चढ़ता है। चुनाव आते ही दलिए नेता एवं उम्मीदवार जिले के चिर प्रशिक्षित मुद्दे मसलन बंद पड़े जुटमिल, चीनीमिल, पेपरमिल, भोला टाकीज एवं मुक्तापुर रेल, कर्पूरीग्राम- ताजपुर- भगवानपुर एवं केबल स्थान से कर्पूरीग्राम नई रेल लाईन, नगर निगम का दर्जा, नून नदी परियोजना, ताजपुर- पटोरी को नगर पंचायत, रोकड़ा को जिला बनाने आदि की घोषणा आदि वादों का झड़ी लगा देते हैं।

चुनाव समाप्ति के बाद ढ़ाक के फिर वही तीन पात वाली कहावत बनकर मुद्दे सुसुप्तावस्था में चले जाते हैं। चुनाव पूर्व बंद पड़े जुटमिल चालू होने की राजनीतिक उहापोह के बीच 12 सितंबर को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चर्चित महिला अधिकार आंदोलनकारी, ऐपवा के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले नेत्री बंदना सिंह ने कही।

महिला नेत्री के अनुसार समस्तीपुर जैसे पीछड़े जिला को अगर विकास के पथ पर लाना है तो 2020 विधानसभा चुनाव में जिलेवासी को सच्चे मन से जाति- मजहब एवं दलिए दीवार को तोड़कर उक्त मुद्दे पर संघर्षशील युवा एवं स्थानीय नेता को वोट करना चाहिए। बंदना ने कहा कि दलिए नेता चुनाव आते ही राई का पर्वत बना देने पर आमादा दिखते हैं। चुनाव बाद कुंभकर्णी निद्रा में चले जाते हैं। इससे काम नहीं चलेगा।

हम सभी को मुद्दे से बेपटरी बने चुनाव को मुद्दे पर लाने की कोशिश करनी चाहिए। दलों द्वारा थोपे गये उम्मीदवार का जमकर विरोध कर संघर्ष एवं स्थानीय उम्मीदवार को तवज्जो देना चाहिए। उन्होंने छात्र-युवा, किसान-मजदूर, महिला- कर्मचारी एवं बुद्धिजीवियों से अपील की कि जिले का विकास के लिए जाति- धर्म के बजाए मुद्दे उछालें, प्रश्न पूछे, सोशल साइट्स का इस्तेमाल करें ताकि मुद्दे पर चुनाव हो। विकास हो फलतः जिलेवासी को प्रवासी मजदूर बनकर जिल्लत भरी जिंदगी न जीना पड़ें।

उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्षों से बंद पड़े जुटमिल चुप्पी साधने वाले विधायक महेश्वर हजारी एवं सांसद प्रिंस पासवान चुनाव सिर पर आते ही आनन- फानन में मुक्तापुर जुटमिल का हुटर बजवाकर चुनाव जीतना चाहते हैं। बंदना सिंह ने लोजपा सासंद प्रिंस पासवान से पूछा कि उनके चाचा तत्कालीन मंत्री रामविलास पासवान की घोषणा सेल की मदद से गंगापुर अलता चौराहे में बनने वाले आईटीआई कालेज का क्या हुआ? किसानों से औने-पौने दाम पर ली गई जमीन का क्या हुआ? थोड़ी-सी भी संवेदना बचा हो तो क्षेत्र के सांसद प्रि़स इस पर श्वेतपत्र जारी करें।

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