65 साल की महिला को 13 महीने में हुआ 8 बच्चा

मुशहरी पीएचसी में बड़ा फर्जीवाड़ा: निकाली गई प्रोत्साहन राशि

संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। बुजुर्ग और उम्रदराज महिलाओं के खातों में योजना मद की राशि डालकर पैसे का बंदरबांट की जा रही है। लाभुकों को पता भी नहीं चल रहा है कि उसके खाते में सरकारी राशि डालकर बिचौलियों द्वारा रुपये की निकासी की जा रही है। हद तो तब हो गई जब 65 वर्ष की वृद्ध महिला को 13 महीने में 8 बच्चे  का जन्म होना दिखाकर सरकारी पैसे का गबन कर लिया गया। वर्ष 2018 से इस योजना में सेंधमारी की गई है और अधिकारियों और बैंक के सीएसपी संचालक की मदद से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिला के हद में मुशहरी प्रखंड के छोटी कोठिया गांव की रहने वाली शांति देवी, सोनिया देवी, लीला देवी और सोनी देवी के खाते में डाली गई प्रोत्साहन राशि। आश्चर्य कि इनमें से 65 साल पार कर चुकी 3 महिलायें हैं। शांति देवी का सबसे छोटा बेटा 20 साल से अधिक उम्र का है। स्वास्थ्य विभाग शांति देवी के खाते में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बच्चे को अस्पताल में जन्म देने पर मिलने वाली 14 सौ रूपये की राशि लगातार भेज रहा है।

जबकि शांति देवी को सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है और पिछले 20 सालों में शांति देवी ने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया है। शांति देवी के खाते में एक बार नहीं बल्कि 13 महीने के भीतर 6 बार 1400 रुपये की राशि भेजी गई है। पहली बार 3 जुलाई 2019 को स्वास्थ्य विभाग ने 1400 रुपये खाते में भेजा। 3 जुलाई 2019 को ही फिर से शांति देवी के खाते में फिर से 1400 रुपये भेजे गये। यानि एक ही तारीख में दो बार स्वास्थ्य विभाग ने राशि भेजी।

इस के बाद यह सिलसिला चलता रहा और हरेक 3 माह पर खाते में 1400 रुपये की राशि आ रही है। अंतिम बार इस माह में  3 अगस्त को 11400 रुपये खाते में भेजे गए। हालांकि शांति देवी को एक बार भी रुपये नहीं मिले। इनके खाते से राशि क्रेडिट होने के अगले दिन ही रुपये निकाल भी लिया गया।

छोटी कोठिया की लीला देवी की कहानी भी शांति देवी से मिलती जुलती है। लीला देवी के खाते में पिछले 13 माह में 8 बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1400 रुपये की राशि बार-बार भेजी गई। लीला देवी को पिछले 10 साल से कोई बच्चा नहीं हुआ है। लीला ने बच्चा नहीं होने के लिए परिवार नियोजन भी करा लिया है, लेकिन कभी एक ही डेट में 2 बार तो कभी कुछ माह के अंतराल पर मुशहरी पीएचसी से बच्चे जन्म के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 1400 रुपये की राशि लीला देवी के खाते में भेजी जा रही है।

इस राशि का खाते से उठाव भी कर लिया जा रहा है। जब लीला देवी को इस बात की जानकारी मिली तो स्थानीय एसबीआई के सीएसपी संचालक सुशील कुमार द्वारा राशि लौटाने का प्रलोभन भी दिया जा रहा है। 8 बार खाते में आई कुल राशि 11 हजार 2 सौ रुपया को लौटाने की बात सीएसपी संचालक कर रहा है।

दरअसल इलाके में स्टेट बैंक के सीएसपी संचालक सुशील कुमार हैं। जिनके खाते में बार-बार स्वास्थ्य विभाग से 1400 रुपये आ रहे हैं। ये सभी दूसरे मद में आने वाली सरकारी राशि की निकासी के लिए सीएसपी सेंटर पर जाते हैं। सीएसपी सेंटर पर फिंगर प्रिंट मशीन से ही खाते से राशि की निकासी का प्रावधान है जहां खातेधारियों से फिंगर प्रिंट लेकर राशि की निकासी कर ली जा रही है। या फिर किसी दूसरे खाते में राशि ट्रांसफर की जा रही है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में गर्भवती महिला के बच्चा जन्म देने पर 14 सौ रूपया और आशा कार्यकर्ता को 6 सौ रूपया देने का नियम है। जिन इलाके में महिलाओं के खाते में 1400 रुपये भेजे जा रहे हैं उन इलाकों के आशा कार्यकर्ता को इन महिलाओं के गर्भवती होने की जानकारी तक नहीं है। स्टेट बैंक मुशहरी के अधीन सीएसपी संचालक सुशील कुमार है। बैंक प्रबंधक भी इस तरह बार-बार एक ही योजना का पैसा बार-बार एक ही खाते में आने पर हैरान हैं। किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिलने की बात कह प्रबंधक पल्ला झाड़ रहे हैं।

मुशहरी एसबीआई के शाखा प्रबंधक चन्द्रजीत कुमार खातेधारको द्वारा किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर जांच की बात कह रहे हैं। साथ हीं खाते में स्वास्थ्य विभाग की एक ही योजना द्वारा बार-बार प्रोत्साहन राशि खाते में आने पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लाभुक महिलाओं और संबंधित आशा के खाते में मुशहरी पीएचसी प्रभारी के हस्ताक्षर से ही पैसा जाता है। कई महिलाओं को साल में कई बार प्रोत्साहन राशि भेजने के गंभीर सवाल को पीएचसी प्रभारी डॉक्टर उपेन्द्र चौधरी हल्के में ले रहे हैं। क्लर्क की छुट्टी का बहाना बनाकर फिलहाल मामले को टालने में लगे हैं।

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