बलरामपुर मदरसे का सालाना जलसा मना

8 माह में हिफ्ज़ करने वालों को नवाजा गया

मो. फैसल फरीदी/बलरामपुर (यूपी) । मदरसा अनवारुल क़ुरान के सालाना जलसा दस्तार बंदी को क़ुरान और हदीस की रोशनी में उलमा और मदरसों को ख़िताब किया। इस मौके पर इस्लाम की हकीकत और बारीकियों के बारे में मेहमान और मेजबानों को बताया गया। इतना ही नहीं इल्म की खासियतों से लोगों को रू ब रू कराया।

मदरसा में उलमाओं ने लोगों के सवालों का जवाब शरई कानून के तहत दिया। उलमा ने तीन तलाक एक साथ देनें को गुनाह की तफसील को बयान किया। जलसा दस्तार बंदी के मौके पर मुफ़्ती निजामुद्दीन मिस्बाही ने शादी या वलीमा के जश्न में डीजे, नाच गाना, आदि सामाजिक गैर शरई रस्मों को भी नाजायज व हराम करार दिया। एक सवाल के जवाब में मुफ़्ती निजामुद्दीन ने कहा कि तीन तलाक अल्लाह के नजदीक सबसे ना पसन्दीदा अम्ल और अलफाज है।

इस लिए तलाक से हर मुस्लिम को बचना चाहिए। इसके अलावा मुफ़्ती निजामुद्दीन ने कई और अहम सवालों का जवाब क़ुरान और हदीस की रौशनी दी। मौलाना अब्दुल हफीज उर्फ़ अजीज ए मिल्लत और महबूब मीना शाह की सरपरस्ती में जलसे का इंतखाब किया गया था। इस जलसे का आगाज सदर मदरसा के मुदीरे एदार (प्रिंसीपल) मुफ़्ती ए शहर मौलाना मोहम्मद मसीह ने किया व सदारत मौलाना मुस्तकीम ने की।

इसके अलावा जलसे का इंतखाब कारी इकरार अहमद ने क़ुरान शरीफ की तिलावत से की। इस मौके पर समाजसेवी शाबान अली और शफीक अहमद ने उलमा को फूलों की का माला के साथ-साथ शाल उढ़ाकर उन्हें नवाजा। शाबान अली ने प्याऊ लगा कर पूरी रात लोगों को पानी भी पिलाया।

अंजुमन गुलामन ए मुस्तफा नौजवान कमेटी मेन मार्केट सराएँ गेट के हफीज शब्बू के साथ दर्जनों नौवजवानों नें भी प्याऊ लगा कर लोगों को पानी पिलाया। नगर पालिका प्रशासन की तरफ से भी एक प्याऊ स्टाल लगाया गया था। इस जलसे का मंजर देखने लायक था।यहां दीन और इस्लाम की रैशनी में पूरे इलाके में बस दीन की ही बातें चल रही थी।

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