कृषि कानून के विरूद्ध किसानों ने नेशनल हाईवे किया जाम


एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर(बिहार)। अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले के संयुक्त बैनर तले 6 फरवरी को आहुत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समस्तीपुर जिला (Samastipur District) के हद में ताजपुर प्रखंड में व्यापक असर देखा गया। चक्का जाम के दौरान परीक्षार्थी, अविभावक के साथ ही एंबूलेंस, दूध, सब्जी आदि आवश्यक सेवाओं से संबंधित गाड़ियों को रास्ता देकर निकलने दिया गया। जाम से सड़क के दोनों ओर वाहनों का तांता लग गया। जाम स्थल पर अपने- अपने हाथों में नारे लिखे तख्तियां, झंडे, बैनर लिए कार्यकर्ता केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ आक्रोशपूर्ण नारे लगाते रहे।
दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान किसानों एवं पत्रकार पर लादे गये झूठे मुकदमें वापस लेने, जेल में बंद किसान- पत्रकार- सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने, किसान विरोधी तीनों कृषि कानून रद्द करने, बिजली विधेयक 2020 वापस लेने, बिहार में बाजार समिति को बहाल करने, बंद पड़े चीनी मिल चालू करने, मोतीपुर मंडी में बाजार समिति जोड़ने आदि मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले के संयुक्त बैनर तले 6 फरवरी को जुलूस निकालकर ताजपुर बाजार भ्रमण के बाद गांधी चौक एवं नेशनल हाईवे पर चक्का जाम आंदोलन चलाया गया। जाम के दौरान परीक्षार्थी एवं अविभावको के साथ साथ एंबूलेंस, दूध, सब्जी आदि आवश्यक सेवाओं से संबंधित गाड़ियों को रास्ता देकर निकलने दिया गया। जाम से सड़क के दोनों ओर वाहनों का तांता लग गया। जाम स्थल पर हाथों में नारे लिखे तख्तियां, झंडे, बैनर लिए कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोशपूर्ण नारे लगाते रहे।
मौके पर किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को शंकर सिंह, बासुदेव राय, राजदेव प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, रतन सिंह, रवींद्र प्रसाद सिंह, प्रभात रंजन गुप्ता, जीतेंद्र सहनी, आशिफ होदा, नौशाद तौहीदी, मुकेश कुमार गुप्ता, हरेन्द्र सिंह, ललन दास, बखेरी सिंह, धर्मेन्द्र पासवान, कैलाश सिंह, जवाहर सिंह, नौशाद खां, प्रभाष कुमार पंकज, माकपा के अरविंद राय, भाकपा के बिन्देश्वर राय, दिनेश सिंह, महावीर सिंह आदि ने संबोधित किया। बतौर मुख्य वक्ता भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि तथाकथित अडानी- अंबानी को लाभ देने वाली और किसान को गुलाम बनाने वाली तीनों कृषि कानून समेत बिजली विधेयक 2020 वापस लेने अन्यथा आंदोलन तेज करने की घोषणा की।

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