एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से एक बौद्धिक नगरी है। यहां देश के कोने कोने से आकर आम व् खास रोजगार से जुड़े है। राजनीति में मैं अपने ससुर के विराट राजनीतिक छवि को बचाये रखने के लिए सक्रिय रही हूँ।
उक्त बातें बोकारो विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह ने बीते एक नवंबर की संध्या सेक्टर तीन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक विशेष भेंट में कही। कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह ने कहा कि वे अपनी जीत के प्रति पुरी तरह आश्वस्त हैं, क्योंकि मेरा कान्फिडेंस बोकारो की जनता है।
उन्होंने कहा कि बोकारो एक बौद्धिक नगरी है, जहां देश के विभिन्न राज्यों के रहिवासी अपनी आजीविका को लेकर यहां प्रवास करते हैं। उन्हें यहां शांतिपूर्ण माहौल चाहिए। जिसकी पूर्ति उनकी जीत से मिलेगी। उन्होंने कहा कि केवल पार्टी के बदौलत कोई बिना काम किए चुनाव नहीं जीत सकता है।आमजनों के साथ लगातार जुड़कर काम करनेवाले हीं सही मायने में नेता कहलाते हैं।
झूठ बोलने वाले तथा वादा खिलाफी करनेवाले को जनता चुनाव में हीं सबक सिखाने का काम करती है। इसलिए प्रजातांत्रिक व्यवस्था में जनता हीं सर्वोपरि है। राजनीति में आने के विषय में कांग्रेस नेत्री श्वेता सिंह ने कहा कि उनके ससुर झारखंड आंदोलनकारी व् यहां से कई बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मंत्री दादा शमरेश सिंह के विराट राजनीतिक विरासत को बचाये रखने तथा उनके अधूरे सपने को पुरा करने के लिए राजनीति में आयी। ज्ञात हो कि श्वेता सिंह दादा शमरेश के पुत्र संग्राम सिंह की धर्मपत्नी हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में लगातार पंद्रहवें राउंड तक आगे रहने के बाद अठारहवे राउंड की गणना में उनकी हार की घोषणा को लेकर उन्होंने कहा कि उस समय यदि उनकी जीत होती तो कई मायने में अच्छा तो कई मायने में अच्छा नहीं होता, इसलिए उस समय जो हुआ वह उनके हित में था, क्योंकि उस समय वे पुरी तरह राजनीति में परिपक्व नहीं थी। दूसरा उनकी जीत को आम जनता दादा शमरेश सिंह के प्रति सहानुभूति के रूप में समझता।
इसलिए उस समय उनकी हार उनके हित में रहा, क्योंकि पांच साल तक उन्हें बोकारो की आम जनता से जुड़कर उनके दुःख दर्द को समझने तथा उसे दुर करने का मौका मिला। साथ हीं राजनीति में अच्छे बुरे को समझने का मौका मिला। जबकि उनकी हार से बोकारो को कुछ हानि भी उठाना पड़ा। जिसमें बोकारो में बननेवाले एयरपोर्ट तथा एम्स आज देवघर चला गया, वह नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि उन्हें झूठ से सख्त नफ़रत है।
बोकारो विधायक बिरंची नारायण पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे बोकारो की जनता को केवल बरगलाने का काम किए है। यहां की जनता जरुर इसका बदला लेगी।
उन्होंने अपनी जीत को सौ फीसदी बताते हुए कहा कि नॉमिनेशन के एक दिन पूर्व जब वे रांची से कांग्रेस पार्टी का टिकट लेकर बोकारो लौट रही थी, तब बालिडीह टोल टेक्स तथा रेलवे अंडरपास के समीप जनसैलाब ने बता दिया कि जीत किसकी होगी।
उन्होंने कहा कि बोकारो की जनता का सहयोग और दादा के प्रति विश्वास को लेकर वे दावे के साथ कह सकती है कि बोकारो की जनता का साथ उनका कान्फिडेंस है।
दादा शमरेश की एक बहु परिंदा सिंह के भाजपा में सक्रिय रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सवाल परिंदा सिंह से ही पूछना उचित होगा, क्योंकि वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में गयी है, जबकि वे शुरु से केवल कांग्रेस में है।
कहा कि उनके (परिंदा सिंह के) भाजपा में जाने से चुनाव में उन्हें कोई फर्क नहीं पढ़नेवाला है। उन्होंने अपनी जीत को शत प्रतिशत बताया। मौके पर बेरमो कोयलांचल के श्रमिक नेता अजय कुमार सिंह, वेदव्यास चौबे, सूर्यकान्त त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह सहित सीवनडीह, नयामोड़, हरला, को-ऑपरेटिव, मानगो, सेक्टर बारह, सेक्टर चार से आये गणमान्य जनों ने पुष्प गुच्छ तथा गुलदस्ता देकर महिला नेत्री को समर्थन देने की बात कही।
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