पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई स्तर पर हो रही है कार्य-मोहंती

कम खर्च में अधिकतम विद्युत उत्पादन लक्ष्य-महाप्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। कोल इंडिया तथा सीसीएल प्रबंधन द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसका लाभ वर्ष 2030 तक पूरी तरह देखने को मिलेगा। कंपनी की सोंच कम खर्च में अधिकतम विद्युत उत्पादन करना है।

उक्त बातें बोकारो जिला के हद में करगली स्थित सीसीएल के बोकारो एवं करगली क्षेत्र में कार्यरत महाप्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक जी. मोहंती ने 4 मार्च को अपने कार्यालय कक्ष में एक विशेष भेंट में कही। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया तथा सीसीएल प्रबंधन एक साथ कई योजनाओं पर कार्य कर रही है।

जिसमें पर्यावरण संरक्षण को लेकर सौर ऊर्जा के तहत विद्युत उत्पादन करना सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा अधिभार (ओबी) डंपिंग स्थल का उपयोग कर बेहतर से बेहतर ढंग से कार्य करने की योजनाएं बनाई गई है।

जिससे एक निश्चित ऊंचाई तक ही ओबी को जमा कर उसके ऊपरी सिरा का समतलिकरण कर वहां सौर ऊर्जा प्लांट लगाने, ताकि एक प्लांट से कम से कम खर्च में 11 एमटी वॉट विद्युत उत्पादन करना है।

साथ में ओबी ढलान क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर वृक्षारोपण करना है। उन्होंने कहा कि कंपनी की सोंच उक्त स्थल के आसपास कृत्रिम घोंसला निर्माण करना है, ताकि वन्य जीवो एवं पक्षियों के लिए आवश्यक जरूरतों की पूर्ति वहां से संभव हो सके।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस कार्य में जल संरक्षण को विशेष महत्व देने पर बल दिया गया है। जिससे कम से कम जल खर्च कर पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए 15 लाख की लागत से फॉग कैनन मिलर के माध्यम से साइडिंग क्षेत्रों और अधिकतम प्रदूषण क्षेत्र में वायु प्रदूषण को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन को लेकर अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में जगह-जगह स्प्रिंकलर लगाकर जिसमें खदान क्षेत्र का मुहाना, सड़क, आबादी क्षेत्र, पार्क, कार्यालय आदि में स्प्रिंकल के माध्यम से जल छिड़काव करना है। जिससे कम से कम जल क्षरण के साथ अधिकतम पर्यावरण संरक्षण और संतुलन बनाने का प्रयास किया जाएगा।

महाप्रबंधक मोहंती ने कहा कि वर्तमान में खदान क्षेत्रों में डंपरों के माध्यम से जल छिड़काव किया जा रहा है। जिससे अधिकतम जल खर्च हो रहा है। जिसे कम करना भी कंपनी का लक्ष्य है। साथ ही पर्यावरण संतुलन को बेहतर से बेहतर करना कंपनी का नीतिगत सोच है। इसके लिए अधिकतम प्रदूषण क्षेत्र में फॉगिंग करना है।

हायरिंग वाहन मालिकों को दूरगामी होने वाले हानि को दूर करने को लेकर पूछे जाने पर जीएम मोहंती ने कहा कि कंपनी का यह नीति गत निर्णय है। इसमें वाहन मालिक अपनी सहमति से ही वाहन उपलब्ध कराते हैं।

यह विषय कंपनी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश पर आधारित है। इसलिए इसमें निकट भविष्य में किसी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं है। मौके पर क्षेत्रीय कार्यालय के उप प्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक पुष्पराज व् अन्य उपस्थित थे।

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