बुनियादी सवालों से मोदी सरकार का कोई सरोकार नहीं-विनोद सिंह

कथारा में एक्टू का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन संपन्न

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में कथारा में श्रमिक संगठन ऐक्टू का दो दिवसीय झारखंड राज्य सम्मेलन संपन्न हो गया। सम्मेलन में मुख्य रूप से भाकपा माले के बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह शामिल हुए।

सम्मेलन के दुसरे दिन खुले सत्र को संबोधित करते हुए भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि नवम्बर क्रांति के ऐतिहासिक दिन में इजराइल के खिलाफ़ पूरी दुनिया फिलिस्तीन के नागरिकों के प्रति एक जुटता जाहिर कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत जो अहिंसा का झंडा बुलंद करता रहा है वह हत्यारों के पक्ष में खड़ा है। जबकि दुनियां के न्याय पसंद जनता फिलिस्तीन के नागरिकों के साथ एकजुटता जाहीर कर रहा है।

विधायक सिंह ने कहा कि आज कोयला उद्योग, थर्मल पावर और स्टील क्षेत्र सभी औद्योगिक इकाईयां ठेका मजदूर के बुनियाद पर खड़ी है। देश के प्रधानमंत्री आज बेशर्मी से मजदूरों को राहत देने के बजाए श्रम कानूनों में बदलाव कर 12 घंटे काम की वकालत कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की बद्तर हालत से ग्रामीण मजदूर महानगरों में सस्ते मजदूरी के रूप में लूट का शिकार हो रहे हैं।

आज़ादी के 75 साल के अमृत महोत्सव में गरीब, मजदूर, किसानों के लिए मोदी सरकार से कुछ भी नहीं मिला है। श्रमिकों के पक्ष में बचा खुचा अधिकारों को भी खत्म करने की कोशिश की जा रही है। कहा कि औद्योगिक कारखानो और देश की संपत्ति को मजदूरों के मेहनत से बना। उसे खत्म किया जा रहा है।

आज इस लूट और दमन के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है। ग्रामीणों की जंगल, जमीन हड़पी जा रही है। गैर भाजपा राज्यों में यह सब और तेजी से चल रहा है। पेंशन के लिए किसानों के बाद दूसरा बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ है जो मोदी सरकार के लिए खतरे का घंटी साबित होगा।

विधायक ने कहा कि केंद्र सरकार तमाम तरह के सरकारी पदों पर नौकरियां खत्म कर रही है। सबको मिलकर आज मोदी सरकार को हटाने का संकल्प लेने की जरूरत है। ऐक्टू राज्य सम्मेलन के बाद और ज्यादा मजबूत संगठन के रूप में उभरेगा।

युवा मोर्चा नेता आफताब आलम ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने वाली औद्योगिक संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले मजदूरों की छंटनी की जा रही है। हमें आज के दौर में इसे बचाने के लिए लड़ना होगा। बेरोजगारों को संगठित कर मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ना पड़ेगा।

ऐक्टू राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन खुले सत्र को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बी. एन. सिंह ने कहा कि किसानों का आंदोलन किसान विरोधी बिजली संशोधन कानून, एमएसपी, किसानों के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन आज भी जारी है। देश से किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, काले कानून लाने वाली मोदी सरकार को सड़कों के आंदोलन से स्थाई रूप से परास्त करना होगा।

इंटक नेता श्यामल सरकार ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं। दो बेच रहे हैं, दो खरीद रहे हैं। देश की बेटियां और देश की संपत्ति मोदी सरकार के हाथों सुरक्षित नहीं है। नफरत और हिंसा की राजनीति देश को बांटने की साजिश कर रहे हैं।

सीटू नेता विजय भोई ने कहा कि मजदूर वर्ग की एकता को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। नवंबर क्रांति दिवस पर वर्ष 2024 में देश बेचने वाली मोदी सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए आंदोलन को तेज करना होगा, तभी मजदूर बचेगा।

तब देश बचेगा। देश बेचने वाली सरकार को 2024 में जवाब देना है। लोकतंत्र व् संविधान को बचाना आज बड़ी जरूरत है। सत्र को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद ने कहा कि दुनिया में लंबे समय के बाद युद्ध जैसी स्थिति बनी है।

इजराइल के आतंक से दस हजार से ज्यादा फिलिस्तिनी नागरिक मारे गए हैं। खुफिया तंत्र के एक्सपर्ट होने के वावजूद इजरायल की ऐसी स्थिति है। हमारे देश के पीएम मोदी का चेहरा हत्यारो को समर्थन करने वाला बन गया है। दुनिया में अब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का दबदबा खत्म हो रहा है।

मोदी सरकार देश में संघी ताकतों के तंत्र द्वारा समानांतर व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है। मोदी को और 5 साल मिला तो गरीबों के खिलाफ ही काम करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्र निर्माण और बुनियादी मुद्दों से भटक कर फिजूल के मुद्दों पर जनता को भरमाने का काम कर रही है। बुनियादी सवालों से सरकार का कोई सरोकार नहीं है।

एटक नेता इफ्तेखार महमूद ने कहा कि भारत हमेशा से फिलिस्तीन के पक्ष में रहा है, लेकिन इस बार मोदी सरकार हत्यारों के पक्ष में खड़ी हुई, जिससे देश शर्मसार है। देश मजदूर और किसानों का है। इसे बचाना आज पहली जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगामी 26, 27 एवं 28 नवंबर को आहूत मजदूर महापड़ाव मोदी सरकार की बिदाई का आन्दोलन साबित होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐक्टू के मजदूर नेता विकास कुमार सिंह ने किया। मौके पर वीरेंद्र कुमार सिंह, इंटक के अजय कुमार, किसान महासभा के पुरन महतो, एपवा की राज्य सचिव गीता मण्डल मुख्य रूप से उपस्थित थे। खुले सत्र के दूसरे दिन भी एक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी, प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन, कोयला मजदूरों के नेता उपेंद्र सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

सम्मेलन के मुख्य पर्यवेक्षक बिहार के मजदूर आंदोलन के वरिष्ठ नेता आर एन ठाकुर ने चुनाव संपन्न कराया। सम्मेलन में सर्व सम्मति से 41 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसके शुभेंदु सेन महासचिव, अध्यक्ष बैजनाथ मिस्त्री बनाए गए। जबकि, विकास कुमार सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष, भुवनेश्वर केवट को सचिव बनाया गया। कृष्णा सिंह अमल घोष, अरुण सहाय, सुभाष मण्डल आदि को शामिल किया गया।

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