मुर्गा लड़ाई में लगता है लाखों का दाव

नई तरकीब से बोकारो जिला में धड़ल्ले से चल रहा है जुआ

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। महाभारत काल से जुआ खेल के नये नये तरीके इजाद किया जाता रहा है। इस खेल ने जहां कई बड़े बड़े युद्ध कराया तो कइयों के आशियानो को तहस नहस कर दिया। कुछ यही स्थिति इन दिनों झारखंड के बोकारो जिला में देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार बोकारो जिले में कई प्रकार के अवैध धंधा वर्षो से फल फुल रहा है। जिसमें लोहा तस्करी, बालू तथा कोयले का अवैध कारोबार के अलावा सुदखोरी का धंधा शामिल है।

इस धंधे के माध्यम से यहां के सैकड़ो ख़ाकपति आज करोड़ो के अकूत संपत्ति के मालिक बन गये हैं। वही सरकार को चपत लगाते रहे हैं। आज वही अवैध संपत्ति के स्वामी यहां के पुलिस प्रशासन के लिए धरोहर बनकर रह गये हैं और आम रहिवासी केवल याचक।

कुछ इसी प्रकार का एक और धंधा इन दिनों बोकारो जिला में फल फुल रहा है। वह है मुर्गा लड़ाई के नाम पर जुआ का खेल। इस खेल में लाखो लाख के दाव लगते है। शराब और सबाब का खुला दौर चलता है। यह सबकुछ स्थानीय पुलिस के संरक्षण में होता है।

ऐसा हीं नजारा 10 फरवरी को बोकारो जिला के हद में बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के जारंगडीह 16 नंबर कॉलोनी के बगल के फुटबाल मैदान के समीप देखने को मिला। जहां सैकड़ो की संख्या में मुर्गा लड़ाई किया जा रहा था। इस खेलनुमा जुआ में उपस्थित हजारों ऐसे लोग बाजी लगा रहे थे। वही पास में हीं जमकर शराब और सबाब का दौर चल रहा था।

जानकारी के अनुसार स्थानीय लगभग दर्जनभर युवाओ द्वारा व्यवस्थित तरीके से मुर्गा लड़ाई का आयोजन किया गया। सैकड़ो दोपहिया, चरपहिया वाहनों से आये आसपास के रहिवासी लड़नेवाले मुर्गे पर सैकड़ो हजारों के दाव लगा रहे थे। साथ ही शराब और सबाब का जमकर मजे ले रहे थे।

सूत्र बताते है कि मुर्गा लड़ाई खेल के दौरान दोपहर एक समय अचानक माहौल गर्म हो गया, जब लड़ते हुए दोनों मुर्गा की मौत हो गयी। इसमें दोनों पक्ष अपनी मुर्गा की जीत का दावा करते देखे गये। अंत में इस लड़ाई को ड्रॉ मानकर गहमा गहमी को विराम दिया गया।

बताया जाता है कि यहां आयोजित मुर्गा लड़ाई नामक जुआ खेल में यहां के कुछ सफेदपोस सहित कई मिडियाकर्मियों का संरक्षण प्राप्त था, जबकि स्थानीय पुलिस की हिस्सेदारी।

इस संबंध में जारंगडीह उत्तरी पंचायत के मुखिया पति सुदेश भुइयां ने बताया कि इससे पूर्व यहां हुए मुर्गा लड़ाई नुमा जुआ की जानकारी देते हुए स्थानीय पुलिस को इसपर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। बावजूद इसके पुलिस द्वारा इस मामले में कोई पहल नहीं किया गया था। इसलिए उन्होंने इस मामले में इसबार किसी प्रकार की इसपर रोक लगाने की पहल नहीं की है।

जानकर बताते है कि यह जुआनुमा मुर्गा लड़ाई केवल जारंगडीह 16 नंबर कॉलोनी के समीप ही नहीं बल्कि इसके अलावा गोमियां थाना क्षेत्र के असनापानी कथारा मार्ग पर कब्रिस्तान के समीप, चंद्रपुरा थाना के सारदा कॉलोनी के समीप, कारिपानी, भंडारीदह साइडिंग के समीप, आदि।

बेरमो थाना के ढोरी खास फुसरो मार्ग पर बंद खदान के समीप, सुभाषनगर ओल्ड माइनस, फ्राईडे बाजार के समीप सहित दर्जनों स्थलों पर संगठित तरीके से खेला जाता है। इस खेल में खासकर भटके हुए युवा वर्ग अपना तथा अपने परिवारजन की गाढ़ी कमाई को बर्बाद करने में लगे है।

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