उपायुक्त की अध्यक्षता में श्रावणी मेला के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर बैठक

एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजुनाथ भंजत्री (Deoghar district Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri) की अध्यक्षता में श्रावणी मेला के अवसर पर विधि व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण एवं अपराध नियंत्रण के साथ-साथ यातायात सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 3 जुलाई को सूचना भवन सभागार में बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में उप विकास आयुक्त डाॅ कुमार ताराचन्द, अनुमंडल पदाधिकारी अभिजित सिन्हा, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अमित कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पवन कुमार, जिला उद्योग केन्द्र कि सेमरोम बारला, जिला कृषि पदाधिकारी कमल किशोर कुजुर, जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रशांत कुमार दिपक, आदि।

कार्यपालक दंडाधिकारी देवघर विभूति मंडल, प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहनपुर विवेक किशोर, बीडीओ देवघर जितेन्द्र कुमार यादव, बीडीओ देवीपुर अभय कुमार, मंदिर प्रबंधक सुनील कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थें।

उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि मेला क्षेत्र को कुल 21 अस्थायी आउट पोस्ट (ओपी) व 11 ट्रेफिक ओपी का गठन कराया जा रहा है, ताकि श्रद्धालओं की सुविधा व सुरक्षा का पूर्ण ख्याल रखा जा सके। इन स्थलों पर वरीय प्रभारी के रूप में दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है।

साथ में एक पुलिस पदाधिकारी व पुलिस जवानों की टीम प्रतिनियुक्त की गयी है। उन्होंने दुम्मा, सोमनाथ भवन, सरासनी, खिजुरियां, हिन्दी विद्यापीठ, शिवगंगा, बाबा मंदिर, क्यू काॅम्प्लैक्स, मान सरोवर, जलसार, बीएड काॅलेज, बरमसिया हेतु सभी नामित वरीय पदाधिकारियों को निदेशित करते हुए कहा है कि वे अपने आवंटित ओपी क्षेत्र का भ्रमण कर वहां मेला के लिए किये जाने वाली व्यवस्था यथा पंडाल, आदि।

पथ निर्माण, पथ प्रकाश, कांवरियों के लिए पेयजल, शौचालय, वैकल्पिक प्रकाश व्यवस्था, स्वास्थ्य केन्द्र, सूचना सह सहायता केन्द्र आदि की अद्यतन स्थिति की जांच करते हुए सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप से दुरूस्त कर लेंगे, ताकि मेला के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी नोडल अधिकारियों को कहा कि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से सुनिश्चित करते हुए मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के उद्देश्य से कार्य करें, ताकि श्रद्धालु एक अच्छी अनुभूति प्राप्त कर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करे।

उन्होंने कहा कि मेला के दौरान सुरक्षित व कतारबद्ध जर्लापण श्रद्धालुओं को कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। ऐसे में अपने अपने क्षेत्रों में पूर्ण रूप से एक्टिव रहते हुए कार्य करें। वहीं मंदिर प्रांगण में भीड़-भाड़ की स्थिति न बने एवं श्रद्धालु लगातार जर्लापण कर बाबा मंदिर से बाहर निकलते रहे, उसका विशेष रूप से ध्यान रखें। सबसे महत्वपूर्ण निकास द्वार से किसी की भी एंट्री न हो।

मंदिर प्रांगण के बाह्य अरधा में भीड़-भाड़ की स्थिति उत्पन्न न हो, इसका विशेष ध्यान रखें। साथ हीं क्यू काॅम्प्लैक्स से निकलते समय श्रद्धालुओं को फूट ओवर ब्रीज पर दौड़ने की अनुमति न देे। इसकी विशेष रूप से निगरानी करने की आश्यकता है। श्रावणी मेला के दौरान आपसी समन्वय व कम्यूनिकेशन गैप न हो, इसका ध्यान रखे।

इसके अलावे उपायुक्त ने मेला के दौरान किसी भी स्थिति में दण्डधिकारियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन के साथ मेला क्षेत्र में सालिनता का परिचय देते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा का सेवा भाव से ख्याल रखे, ताकि श्रद्धालु बाबा नगरी से सुरक्षित व सुलभ जर्लापण कर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करे।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने मेला क्षेत्र में किये जाने वाले विभिन्न कार्यों के साथ विधि व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु आउट ऑफ टर्न और वीआईपी दर्शन की सुविधा पर मेला के दौरान पूर्ण रूप से रोक रहेगी।

उपायुक्त ने मेला में प्रतिनियुक्त अधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि मेला में प्रतिनियुक्त सभी अधिकारी व पुलिस पदाधिकारी, कर्मी अपने परिजनों व लोगों को आउट ऑफ टर्न दर्शन अथवा जलार्पण कराने की कोशिश न करे, क्योंकि विधि व्यवस्था एवं सुरक्षा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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