गरगा नदी को स्वच्छ बनाने को लेकर राम मंदिर प्रांगण में बैठक

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। गरगा नदी को स्वच्छ बनाने को लेकर 20 दिसंबर को गरगा बचाओ संकल्प यात्रा के तहत राम मंदिर प्रांगण में बैठक आयोजित किया गया।

जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में कसमार स्थित कलौंदी बांध जलकुंड जो गरगा नदी का उद्गम स्थल है, आगामी 24 दिसंबर को स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा प्रस्तावित गरगा बचाओ संकल्प यात्रा को सफल बनाने हेतु कसमार के स्थानीय राम मंदिर के प्रांगण में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रघुबर प्रसाद तथा संचालन स्थानीय पूजारी मोहन चौबे ने किया।

इस अवसर पर संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने उपस्थित पर्यावरण प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि गरगा नदी का पौराणिक नाम गर्ग गंगा है, जिसे गर्ग ऋषि ने अपने तपोबल से द्वापर में भूगर्भ से उत्पन्न किया था। उन्होंने बताया कि इसका महत्व गंगा की तरह ही पवित्र है। आज इस नदी का उद्गम स्थल कसमार का कलौंदी बांध जलकुंड अत्यंत की प्रदूषित होकर गाद से भर गया है।

जिस कारण नदी का भूगर्भ जलस्रोत बाधित हो रहा है। जिससे यह जलकुण्ड सूखने लगा है। इसकी साफ सफाई और इस नदी को बचाने के लिए कसमार प्रखंड तथा आसपास के गांव जो इस नदी के तट पर स्थित हैं के रहिवासियों को जगना होगा तथा इस नदी को बचाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करते हुए संघर्ष करना होगा।

समाजसेवी और डीएसपी से सेवानिवृत्त सूरज भूषण शर्मा ने कहा कि गरगा नदी हमारी धरोहर है। इसे बचाने के लिए पूरा क्षेत्र आगे बढ़ कर साथ देगा। समाजसेवी यदुनंदन जयसवाल ने कहा कि गरगा हमारे गांव घर की नदी है। इसे प्रशासन और सरकार को हर हाल में प्रदूषण मुक्त करना ही होगा।

समाज सेवी कपिल चौबे ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सबों से इस मुहिम में बढ़चढ़कर भाग लेने की अपील किया। उपस्थित सभी गणमान्य जनों ने कार्यक्रम की सफलता का संकल्प लिया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की सफलता की जवाबदेही स्थानीय रहिवासी यदुनंदन जयसवाल, परमेश्वर नायक, कपिल चौबे, दिलीप गंझू, धनलाल कपरादार, भवानी प्रसाद मुखर्जी और सदानंद चटर्जी को दिया गया। प्रभारी शैलेंद्र तिवारी को बनाया गया।

बताया गया कि आगामी 24 दिसंबर को सुबह 10 बजे प्रखंडवासी कसमार चौक पर इकठ्ठा होकर कलौंदी बांध की ओर प्रस्थान करेंगे, जहां गरगा के उद्गम स्थल का पूजनोपरांत गरगा बचाओ संकल्प यात्रा प्रारंभ होकर नदी के तटों के पास से होकर गुजरते हुए प्रदूषण और अतिक्रमण का अध्ययन करते हुए दूसरे दिन 25 दिसंबर की संध्या 4 बजे गरगा और दामोदर के संगम पर समाप्त होगी।

उक्त बैठक में रघुबर प्रसाद, अखिलेश ओझा, शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, कृष्ण मोहन चौबे, तुलसी दास जयसवाल, सूरज भूषण शर्मा, शैलेंद्र तिवारी, भागीरथ महतो, कपिल चौबे, यदुनंदन जयसवाल, धनलाल कपरादर, रंजीत जयसवाल, परमेश्वर नायक, दिलीप गंंझू, उमेश कपरदार, धीरेंद्र नाथ महतो, राजेश चौबे, माधेंदु मुखर्जी, भवानी मुखर्जी, अवध किशोर सहित कई पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।

 

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