ओबीसी एसोसिएशन व् डीवीसी अधिकारियों बीच मुख्यालय कोलकाता में बैठक

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। डीवीसी प्रबंधन एवं ओबीसी इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन के बीच डीवीसी टावर्स कोलकाता में बीते 6 मार्च को त्रैमासिक बैठक (क्वार्टरली मीटिंग) का आयोजन किया गया। बैठक में प्रबंधन की ओर से डीवीसी सचिव जॉन मथाई (अनुपस्थित लेकिन उनके निर्देशानुसार), कार्यपालक निदेशक (एचआर) राकेश रंजन, सीनियर जीएम (एच.आर) डी. वी. राजन, सीनियर जीएम (सीएसआर एण्ड एचआर) एन के वर्मा, आदि।

जीएम (एच.आर) राजेश कुमार, लायजन अधिकारी सह उप महाप्रबंधक (यां) मृत्युंजय प्रसाद, उप प्रबंधक (एचआर) दीपीन्ती जयसवाल, उप प्रबंधक (एचआर) सचिन चम्पति रॉय, उप प्रबंधक (एचआर) कौशिक रॉय, उप प्रबंधक (एचआर) संजीव रंजन, डीवीसी ओबीसी इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सह जीएम (वित्त)- (मुख्यालय, कोलकाता राकेश रंजन, महासचिव के.पी.सिंह, उप प्रबंधक ( प्रशा)- (दुर्गापुर) सहित संयुक्त महासचिव नवीन कुमार (कोडरमा), उपाध्यक्ष भरत कुमार (मेजिया), पदेन केन्द्रीय कार्यकारी सदस्य सह शाखा सचिव, राजु कुमार (जमशेदपुर शाखा), केन्द्रीय कार्यकारी सदस्य विनय शील अशोक (मुख्यालय कोलकाता), पदेन केन्द्रीय कार्यकारी सदस्य सह शाखा सचिव राम नारायण राय (बोकारो थर्मल शाखा) और कार्यकारी सदस्य कमल भारती (बोकारो थर्मल शाखा) शामिल थे।

बैठक में 18 सूत्री विषयों पर चर्चा की गयी। जिसमें मुख्यतः डीवीसी ओबीसी इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन को मान्यता देने, सभी ईकाइयों में एलओ की नियुक्ति, उनके उचित कामकाज और जिम्मेदारी की समीक्षा कर सुनिश्चित करना, डीवीसी रिजर्वेशन सेल कार्यालय मुख्यालय सहित सभी परियोजनाओं में आवश्यक सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराने हेतु 2019 में अधिशासी निदेशक (मा.सं) के कार्यादेश का अनुपालन सुनिश्चित करना, आदि।

एसोसिएशन के दैनंदिनी कार्य हेतु प्रत्येक इकाई (परियोजनाओं) में एक आवासीय कार्यालय तथा तत्काल मुख्यालय में सभी संगठनों की तरह एसोसिएशन हेतु कार्यालय का आवंटन, डीवीसी के समस्त आधिकारिक समितियों में तथा साक्षात्कार बोर्डों में ओबीसी प्रतिनिधि को शामिल करना, भारत सरकार के नियमानुसार 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व व् आरक्षण रोस्टर की नियमित समीक्षा‌ करने, एसोसिएशन के बीच प्रदर्शित करना तथा बैकलॉग पदों पर नियुक्ति सुनिश्चित करना, एम 7, एम 8 एवं एम 9 स्तर के पदों पर ओबीसी वरिष्ठ अधिकारी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, आदि।

ओबीसी के सीनियर अधिकारियों को परियोजना प्रधान के योग्यता रहते हुए उन्हें उक्त पद से दूर रखकर जूनियर अधिकारियों को परियोजना प्रधान बनाना कहीं से उचित नहीं है। उनकी वरीयता को ध्यान में रखते हुए ओबीसी के अधिकारियों को परियोजना प्रधान बनाने की एसोसिएशन ने पूरजोर वकालत की।

ओबीसी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए पदोन्नति में वरिष्ठता सुनिश्चित कर उनके ऑनलाइन केपीए/एसीआर को तत्काल प्रभाव से बहाल करना और ओबीसी कर्मचारियों के उत्पीड़न को रोकना, सभी ओबीसी संबंधित मानव संसाधन अधिकारियों और एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देना तथा भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में नामित करना, डीवीसी में ओबीसी अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्पीड़न स्वरूप ट्रांसफर में पति-पत्नी (दोनों कामकाजी) के मामले, मेडिकल केश में सहानुभूति पूर्वक विचार कर उन्हें ट्रांसफर करने की बात कही गयी। बैठक में कहा गया कि विभागीय प्रोन्नति में न्याय पूर्ण तरीके से चयन नहीं किया गया है।

बीते 9 वर्षों तक एक ही पद पर अधिकारियों को तीन तीन बार अनुत्तीर्ण कर रोका गया। जिसको लेकर एसोसिएशन ने प्रबंधन से आग्रह किया कि कम से कम वैसे अधिकारी जो तीन बार से ड्रॉप हो रहें हैं, वैसे अधिकारियों पर सहानुभूति व् मान-सम्मान के साथ सेवा निवृत्त होने का मौका दें।

जिसपर प्रबंधन ने विचार करने का आश्वासन दिया। कुछ विषय जैसे ओबीसी कल्याण हेतु संवैधानिक और सामाजिक जागरूकता गतिविधियों के लिए वार्षिक बजट की स्वीकृति, सभी सब स्टेशनों में कर्मचारियों व अधिकारियों के बदहाल रहन- सहन, चिकित्सा सुविधा, पानी, बिजली की अपर्याप्त सुविधा आदि पर गंभीरता पूर्वक विचार कर सारे सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया।

बैठक में डीवीसी कोडरमा में डॉक्टर की कमी को दूर करने हेतु आग्रह किया गया। मेजिया में नव नियुक्त इंजिनियरों को चेयरमैन एवं मेम्बर टेक्निकल के आदेश के बाद भी उन्हें अमानवीय रुप से आवास में रखने का मामला भी उठाया गया।एक ही पैनल के इंजीनियरों, तकनीशियनों एवं सहायक प्रचालकों के वेतनमान में भारी विसंगति को उजागर कर मामले के निपटारे की मांग की गयी।

वेल्लोर में इलाज के लिए सालों भर कर्मचारियों व अधिकारियों का आना जाना होता है इसलिए वहां एक गेस्ट हाउस की मांग की गई। अंत में डीवीसी टावर्स में बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय की विधिवत स्थापना आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। निगम प्रबंधन की ओर से सारे विषयों का समाधान करने का आश्वासन दिया गया। साथ हीं कुछ विषयों पर तत्काल प्रभाव से कार्यादेश जारी करने का आदेश दिया गया।

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