बलिदान दिवस पर याद किये गए शहीद जगतपति कुमार

जगतपती ने आजादी की लड़ाई में सीने पर खाई थी गोली-कमल किशोर

फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। सन् 1942 की अगस्त क्रांति के दौरान आज ही के दिन अंग्रेजों की गोली से पटना में बिहार विधानसभा के सामने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के क्रम में अपने छह साथियों के साथ शहीद हुए जगतपति कुमार को उनके गृह जिला औरंगाबाद में विभिन्न संगठनों द्वारा श्रद्धापूर्वक याद किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जगतपति अमर रहे के नारे लगाए गए। इस अवसर पर उपस्थित जनों ने जिला मुख्यालय में स्थापित उनकी दो प्रतिमाओं और उनके पैतृक गांव खरांटी में स्थापित स्मारक पर माल्यार्पण तथा श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

ग़ौरतलब है कि आजादी की लड़ाई में औरंगाबाद जिले से अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले जगतपति कुमार एकमात्र अमर सेनानी थे, लेकिन इनके बलिदान दिवस पर राज्य सरकार या जिला प्रशासन की ओर से उनके गृह जिले में कोई भी राजकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने का मलाल जिलेवासियों को है।

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर ने अमर शहीद जगतपती की शहादत दिवस पर 11 अगस्त को कहा कि बिहार के वीर सपूत जगतपति ने हमारे तिरंगे के सम्मान के लिये अपने प्राणों की आहूति दी। उनकी शहादत को याद करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि शहीद जगतपति की जीवनी, उनकी वीरता एवं शौर्य को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में उनकी राष्ट्रप्रेम की भावना को एक बार पुन: जगाने की जरूरत है।

किशोर ने कहा कि शहीद जगतपति का जन्म औरंगाबाद जिला के हद में ओबरा प्रखंड के खराटी गांव के एक जमींदार परिवार में हुआ था। वे 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय मात्र 19 वर्ष के थे। 11 अगस्त 1942 को पटना में युवकों की एक टोली ने सचिवालय के भवन पर तिरंगा झंडा फहराने की कोशिश की।

उस वक्त जगतपति पटना में रहकर बीएन कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। वे भी इस जुलूस में शामिल थे। जैसे ही देशभक्तों की यह टोली पटना सचिवालय के पास तिरंगा फहराने के लिए पहुंची, पटना के डिप्टी पुलिस कमिश्नर के आदेश पर फायरिग कर दी गई। इस फायरिग में जगतपति सहित कुल 7 युवकों ने अपनी शहादत दी।

इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पांडेय ने कहा कि शहीद जगतपति ने देश के लिए अपना खून बहाया है। हर भारतीय उनका कर्जदार है। उन्होंने कहा कि देश के लिए प्राण न्योछावर करने से बढ़ कर कुछ नहीं है। इस दौरान जीकेसी के अजय कुमार श्रीवास्तव, श्रीराम अम्बट, राजू रंजन सिन्हा, राजेश कुमार, सूर्यकान्त, अभय सिन्हा, सुनील सिन्हा, सुनील कुमार, उदय कृष्ण, आदि।

संजय कुमार, रामानुज पांडेय, अखौरी अमित, अमित कुमार, आशीष सिन्हा, मधुसूदन प्रसाद सिन्हा, मधुसूदन श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव, ओमप्रकाश सिन्हा, प्रवीण कुमार, मनीष कुमार, मनीष श्रीवास्तव, रितिक श्रीवास्तव, शिवम सिन्हा, दीपक बलजोरी सहित दर्जनों गणमान्य उपस्थित थे।

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