इंसान का अंत:करण कभी गलत नहीं हो सकता-फादर जोजो

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। हमें अपने अंत:करण को पहचानने की जरूरत है, क्योंकि अंत:करण की आवाज कभी गलत नहीं हो सकता है। युद्ध की विभीषिका झेल रहे वर्तमान परिवेश में विश्व शांति की प्रार्थना आवश्यक है।

उक्त बातें हजारीबाग धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष फादर जोज ने 29 अक्टूबर को बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित ढोरी माता चर्च में आयोजित वार्षिकोतसव के अवसर पर संवाददाताओं से एक विशेष भेंट में कही। उन्होंने कहा कि जारंगडीह में ढोरी माता वार्षिकोत्सव को लेकर वे यहां आए हैं। यहां की प्रतिमा वास्तव में ढोरी माता के रूप में माता मरियम की प्रतिमूर्ति है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1956 में यहां के खदान से निकाली गई ढोरी माता यहां के सभी श्रमिक वर्ग और अन्य जो अपना दु:ख लेकर आते हैं उनकी दु:खों को दूर करती है और उनकी इच्छा पूर्ति करती है। फादर जोजो ने बताया कि उक्त समारोह में बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बंगाल सहित देश के कई प्रांतो से श्रद्धालूगण यहां पहुंचते हैं।

इस बार पूरे अक्टूबर महीना उन्होंने ढोरी माता के लिए समर्पित किया है। साथ ही आज यहां खरीस्तीएक में भाग लिया है। फादर जोजो ने कहा कि मैंने धर्माध्यक्ष के रूप में माता मरियम से देश की रक्षा करने की प्रार्थना की। साथ ही हर प्रकार के प्राकृतिक विपदाओं तथा बीमारी से सभी जनों को सुरक्षित रहने, विश्व में शांति की स्थापना को लेकर उन्होंने प्रभु यीशु एवं माता मरियम से प्रार्थना की है।

खासकर फिलीस्तीन व इजराइल तथा रुस व यूक्रेन शांति व्यवस्था कायम करने को लेकर उन्होंने विशेष प्रार्थना की है। वैश्विक स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि उक्त युद्ध में किसी का भी दोष हो, आगे आकर स्वीकार करें। उसे माता मरियम क्षमा करेगी।

कहा कि जो गलती कबूल करता है वह छोटा नहीं, बल्कि महान बन जाता है। देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। साथ ही कहा कि किसी की भक्ति कमी ना हो। चाहे वह कोई भी धर्म का मानने वाला हो।

फादर जोजो ने कहा कि इंसान को दूसरे के बताए बातों पर अमल करने से पहले अपने अंत:करण को पहचानने की जरुरत है, क्योंकि अंतःकरण कभी गलत नहीं हो सकता। बलि प्रथा के संबंध में उन्होंने कहा कि यह प्रथा विश्व के सभी धर्मों में किसी ना किसी रूपों में है।

जबरन धर्मांतरण के सवाल पर फादर जोजो ने कहा कि जबरन धर्मांतरण कहीं से जायज नहीं है। यदि कोई ऐसा करता है तो वह दंड का भागी बनता है। इस मौके पर समरीतान के प्रांतीय प्रमुख सिस्टर कृपा पॉल, सीएसएस नव्या, किरण, अनिता, संयुक्ता आदि उपस्थित थे।

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