विधायकों के मार्शल आउट के खिलाफ माले ने निकाला विरोध मार्च

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। भाकपा माले विधायकों के बिहार विधानसभा से मार्शल आउट करने के खिलाफ 3 अप्रैल को समस्तीपुर शहर में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकालकर सरकार एवं विधानसभा अध्यक्ष विरोधी नारे लगाए।

इसे लेकर शहर के माल गोदाम चौक (City warehouse square) पर बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ताओं ने जुटकर अपने- अपने हाथों में झंडे, बैनर, नारे लिखे कार्ड-बोर्ड एवं विधानसभा अध्यक्ष का पूतला लेकर मार्च निकाला। मार्च स्टेशन रोड (March Station Road) होते हुए बाजार क्षेत्र का भ्रमण कर शहर के स्टेशन चौक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।

सभा की अध्यक्षता माले जिला सचिव प्रोफेसर उमेश कुमार ने किया। यहां जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जिला कमिटी सदस्य उपेंद्र राय, राज कुमार चौधरी, बंदना सिंह समेत खुर्शीद खैर, रामलाल राम, फूलदेव सदा, अनील चौधरी, कुंदन कुमार, अरूण राय, अशोक राय व् अन्य नेताओं ने सभा को संबोधित किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि भोजपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह के परपोते (प्रपौत्र) की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि बिहार के समस्तीपुर, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा समेत समूचे बिहार में अनवरत हत्या- अपराध हो रही है।

माले विधायकों ने विधानसभा में कार्य स्थगन लाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार को बदनामी से बचाने को लेकर संघी अध्यक्ष विजय सिन्हा ने विधायकों की मांग को अनुसनी करते हुए मांग कर रहे माले विधायकों को मार्शल से बाहर फेंकवा दिया। यह लोकतंत्र की हत्या है।

क्रिमिनलाईजेशन, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टालरेंस का दावा करने वाली तथाकथित सुशासन की भाजपा-जदयू की नीतीश सरकार में रोज हत्यायें हो रही है। सरकार इसे लेकर सदन में चर्चा कराने से भाग रही है।

माले नेता ने नीतीश कुमार को भाजपा- आरएसएस (BJP RSS) के सामने घूटना टेंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाकपा माले सरकार (Government) के खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष चलाकर सत्ता से उखाड़ फेंकेगी। अंत में लोकतंत्र के हत्यारा करार देते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा का पूतला फूंककर विरोध दर्ज कराया गया।

 

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