लॉकडाउन ने तोड़ा सब्जी उत्पादक किसानों की कमर

किसानों को औने- पौने दाम में बेचना पड़ता है सब्जी-ब्रहमदेव प्रसाद सिंह
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। सरकार (Government) द्वारा जारी गाइडलाइन में लॉकडाउन में छूट की अवधि सुबह 7 से 11 बजे तक ने सब्जी एवं फल उत्पादक किसानों की कमर को तोड़ कर रख दिया है। इसका खामियाजा सिर्फ सब्जी उत्पादक किसान ही नहीं बल्कि गद्दीदार, व्यापारी एवं आम उपभोक्ता को भी भुगतना पड़ रहा है।
सब्जी तोड़ कर मंडी पहुंचते ही अंतिम समय 11 बज जाने के कारण किसान को औने-पौने दाम पर सब्जी बेचने को मजबूर होना पड़ता है अथवा कल के लिए छोड़ देना पड़ता है। व्यापारी के साथ भी समस्या है कि आज खरीद किया गया सब्जी कल होकर बेचना पड़ता है जिससे कई सब्जियों के खराब होने के कारण फेंकना पड़ रहा है। आम उपभोक्ताओं को ताजा सब्जी नहीं मिल पाता है एवं ऊंची कीमत भी चुकानी पड़ती है। जबकि बीते वर्ष 2020 के लाकडाउन गाइडलाइन में सुबह 7 से 11 एवं शाम को 3 से 6 बजे तक दुकान खोलने की छूट दी गई थी। इससे किसानों को सुविधा होती थी। उक्त जानकारी देते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के ताजपुर प्रखंड अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह (Tajpur block director Brahman dev Prasad Singh) ने ताजपुर के मोतीपुर सब्जी मंडी में 12 मई को भ्रमण कर विभिन्न सब्जियों के थौक कीमत की जानकारी देते हुए बताया कि प्रति किलो टमाटर 4 रूपये/किलो, भिंडी- 4 रुपये/किलो, बोरी/बरबट्टी 5 रुपये/किलो, मुली- 6 से 8 रुपये/किलो, गोभी-14 से 16 रुपये/किलो, करैला-14 से 15 रुपये/किलो, पटल-16 से 18 रुपये/किलो, बैंगन-12 से 14 रुपये/किलो, खीरा लोकल-4 से 5 रुपये/किलो, नेनुआ-10 रुपये/किलो, कद्दू-3 से 4 रुपये प्रति पीस आदि रहा जो मौसम के अनुसार बहुत ही कम कीमत है।
सिंह ने बताया कि अक्सर किसान 1500 से 2000 रुपए प्रति कट्ठा जमीन ठेका पर लेकर केसीसी, महाजनी कर्ज आदि से खेती करते हैं। अभी शुरुआत में ही उचित कीमत नहीं मिलने से किसान मायुस हो गये हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी सुबह और शाम दोनों समय दुकान लगाने के लिए गाइडलाइन में छूट दिया जाये अन्यथा किसान महासभा के बैनर तले आन्दोलन किया जायेगा।

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