बड़ाजामदा की जीवन रेखा एनएच 320 जी चौड़ीकरण नुकसानदेह-राजा तिर्की

सड़क चौड़ीकरण मसले से रहिवासी भयाक्रांत, समाधान की अपील

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त को बड़ाजामदा क्षेत्र के पूर्व मुखिया राजा तिर्की ने पत्राचार करते हुए बड़ाजामदा एनएच 320 जी के चौड़ीकरण का विरोध दर्ज किया है। पूर्व मुखिया द्वारा पत्र में रहिवासियों को होने वाले नुकसान के प्रति चिंता जताई है।

इस संबंध में पूर्व मुखिया राजा तिर्की ने 31 अक्टूबर को बताया कि एनएच 320 जी झारखंड राज्य में हाटगमरिया, जगन्नाथपुर, बराइबुरू, सैडल, मनोहरपुर, आनंदपुर, बानो और कोलेबिरा को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है। उन्होंने कहा कि उक्त सड़क इन क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा रही है।

बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और सुधारना महत्वपूर्ण है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सड़क को 110 फीट तक चौड़ा करने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान चौड़ाई लगभग 50 फीट से दोगुनी है। इस प्रस्तावित विस्तार ने कई मुद्दों को जन्म दिया है। अतः इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

पूर्व मुखिया ने कहा कि सबसे पहले बड़ाजामदा 10,000 से कम निवासियों की आबादी वाला एक छोटा सा गांव है। वर्ष 2006 और 2008 के बीच निर्मित वर्तमान सड़क ने उक्त गांव की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा किया है। अगर सड़क का विस्तार किया जाता है तो दर्जनों रहिवासी इससे प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि बड़ाजामदा में अधिकांश स्थानीय व्यवसाय मौजूदा सड़क के किनारे स्थित हैं, जिनमें दुकानें, पेट्रोल पंप, खाद्य प्रतिष्ठान एवं चाय की दुकानें शामिल हैं। इनमें से कई रहिवासी व्यवसाय पीढ़ियों से करते रहे हैं और पट्टे की भूमि पर स्थित हैं।

प्रस्तावित 110-फीट सड़क विस्तार से इन प्रतिष्ठानों के ध्वस्त होने का खतरा है, जिससे प्रभावित परिवारों को गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।इस विस्तार का परिणाम समुदाय के लिए विनाशकारी होंगे, जिससे आजीविका और घरों को नुकसान होगा।

पूर्व मुखिया ने कहा कि रहिवासी रेलवे भूमि अधिग्रहण परियोजना के प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। रेलवे ने पहले ही निर्माण के लिए सड़क किनारे की भूमि का एक हिस्सा अधिग्रहित कर लिया है, जिससे इस प्रक्रिया में कई निवासी प्रभावित हुए हैं। परिणाम स्वरुप सड़क के चौड़ीकरण के लिए वैकल्पिक समाधान पर विचार करने की मांग पूर्व मुखिया तिर्की ने की है।

स्थानीय रहिवासियों के अनुसार संभावित समाधान में बाईपास या ओवर पास का निर्माण शामिल हो सकता है, जो अधिक लागत प्रभावी और कम विघटन कारी साबित हो सकता है। उक्त तथ्यों के आधार पर समाधान की दिशा में काम किए जाने की माँग पूर्व मुखिया ने भी की है। साथ ही क्षेत्र की कनेक्टिविटी और विकास को बनाए रखते हुए बड़ाजामदा के रहिवासियों की भलाई सुनिश्चित करने की अपील की है।

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