जागरूकता शिविर में महिलाओं के लिए कानूनी जानकारी बताई गई

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय परिसर के लोक अदालत भवन में जिला जज द्वितीय अनिल कुमार,आदि।

बोकारो जिला (Bokaro district) विधिक प्राधिकार समिति के सचिव लूसी सोरेन तिग्गा एवं अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव (Secretary) सह एसडीजेएम (SDJM) दीपक कुमार साहू की अगुवाई में अनुमंडल के शिक्षिका, आशा वर्कर एवं सहिया को 9 नवंबर को कानूनी जानकारियां दी गई।

जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें नालसा, झालसा के निर्देशानुसार अनुमंडल के सुदूरवर्ती गांव में विभिन्न विषयों पर कानून की जानकारियां दी जा रही है।

आज यह कार्यक्रम उसी को लेकर महिला संबंधी कानूनी जानकारियों पर आधारित है। जिसमें आप सभी को महिला संबंधी कानून की कई जानकारियां दी जाएगी।

लूसी सोरेन तिग्गा ने बताया कि आज का विशेष दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि महिला दिवस पर विशेष रूप से महिला शिक्षकों, आशा वर्कर एवं सहिया को कानून की कुछ जानकारियां दिया जाए, ताकि यहां से सीख कर अपने कार्य क्षेत्र में जाएं और सभी महिला पुरुष को इसकी जानकारी दें।

वह जागरूक हो सके। जागरूक होकर वह खुद और दूसरों को भी जागरूक करें। जिससे किसी को भी किसी प्रकार की कोई समस्या ना आए। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम रूप मूल रूप से महिलाओं के लिए समर्पित है।

आप सभी शिक्षिका, आशा वर्कर एवं सहिया इस तरह की जानकारी लेकर नीव का काम करेगी। आप सभी के द्वारा जो जानकारी होगी वह गांव गांव तक लोगों को मिलेगी और उसका फायदा उठा सकते हैं। इसलिए आप सभी गांव गांव तक पहुंचकर इसका प्रचार प्रसार करें, ताकि सभी को इसका फायदा मिले।

आगे बताया कि महिलाएं अगर शिक्षित बनेगी तो सारी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएगी। क्योंकि महिला अगर शिक्षित होगी तो अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा देगी। वह निर्भर बने और स्वालंबन बने तो अपने आप आगे बढ़ने में उसे मदद मिलेगी।

अधिवक्ता प्रीति कुमारी ने घरेलू महिला उत्पीड़न के बारे में बताया। कहा कि महिलाओं को घर पर ही उत्पीड़न होता है या किया जाता है। उन्हें शारीरिक या मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जाता है। उन्हें दहेज के लिए या फिर बेटे पैदा नहीं करने के कारण प्रताड़ित किया जाता है। महिलाएं एनजीओ द्वारा या फिर न्यायालय में पहुंचकर न्यायालय के सचिव के नाम से आवेदन देंगे।

उस आवेदन पर त्वरित कार्रवाई होती है। साथ ही उन्हें मुफ्त में वकील भी मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए कई कानून बनी है। केवल जानकारी की जरूरत है। इसलिए आप सभी कानून की जानकारी रखेंगे, तो आपको प्रताड़ना नहीं सहना पड़ेगा। इसी को लेकर हमेशा ही नालसा झालसा के द्वारा कानून की जानकारियां दी जाती है।

कुमारी ने पोक्सो एक्ट के बारे में बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ अगर किसी तरह का अपराध होता है उसे फोटो पोक्सो एक्ट के तहत अपराध माना जाता है। दहेज हत्या के बारे में बताया कि अगर शादी के 7 साल के अंदर किसी महिला के ऊपर ससुराल में अत्याचार होता है और उसकी हत्या कर दी जाती है तो वह दहेज हत्या कि श्रेणी में आता है।

दहेज हत्या में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। आगे बताया कि ससुराल में किसी भी तरह का मानसिक प्रताड़ना दी जाती है। वह आत्महत्या कर लेती है तो आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के लिए भी सजा का प्रावधान है। आगे मध्यस्था केंद्र प्री लिटिगेशन लोक अदालत के बारे में भी विस्तृत जानकारियां दी।

अधिवक्ता सुचित्रा रानी हलधर ने बताया कि आप सभी को जितनी भी जानकारी मिले उसके बारे में पूरे समाज में जानकारी दें। ताकि समाज की सभी महिलाएं उसका फायदा उठा सकें। शिक्षक वह स्तंभ है जो शुरू से ही सही शिक्षा देकर बच्चों के अंदर लड़का लड़की के अंतर को समाप्त कर सकते हैं।

घर में ही लड़कियों को यह बताया जाता है कि तुम लड़की हो और लड़कों से कम हो, ऐसा नहीं होना चाहिए। लड़कियों को भी अपने अंदर हीन भावना नहीं लाना चाहिए, वरना वह अपने हक के लिए लड़ाई नहीं कर सकेंगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बताया कि महिलाओं को इस में भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती है। भ्रूण हत्या के बारे में बताया कि वह एक अपराध है।

समाज में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम हो गई है। इसका कारण ज्यादातर भ्रूण हत्या है। सरकार द्वारा लड़कियों के लिए कई लाभकारी योजना है। घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि घरेलू हिंसा केवल शादीशुदा महिलाओं पर ही नहीं बल्कि बुजुर्ग महिला पुरुष पर भी होती है।

जो कमजोर होते हैं उनके ऊपर घरेलू हिंसा होती है। अपने माता पिता या फिर विधवा बहन के ऊपर भी अत्याचार किया जाता है। आगे बताया कि बाल विवाह भी कानूनन अपराध है। बाल विवाह से बचना चाहिए। अगर कोई भी बाल विवाह करवाता है और आपको उसकी जानकारी मिलती है तो आप इसकी जानकारी तुरंत नजदीकी थाना या फिर न्यायालय में आकर सचिव के नाम से आवेदन दें।

उसके ऊपर त्वरित कार्रवाई होगी। अगर आप चाहेंगे तो आपके नाम को भी किसी के सामने लाया नहीं जाएगा। मंच संचालन कर रहे अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव एसडीजेएम दीपक कुमार साहू ने बताया कि शिक्षा का अधिकार जितना बेटा का है उतना ही बेटी का भी है। सभी को समान नजर से देखना चाहिए। चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो।

आप सब इसे ध्यान से सुने और सुनकर समझे इस पर ध्यान रखें। इसका फायदा उठाएं और दूसरों को भी इसका फायदा दिलाएं। सभी शिक्षिका, सहिया एवं आशा वर्कर जो यहां आए हैं उन्हें घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, दहेज हत्या संबंधित सहित महिला संबंधित कई जानकारियां दी गई है।

आप इन जानकारियों को लेकर गांव गांव में लोगों तक पहुंचाएं, ताकि उसका फायदा सभी को मिल सके। महिलाओं के लिए कई अहम कानून बनाए गए हैं। जरुरत है सभी महिलाएं इस कानून को जानें, तभी वह सशक्त हो सकेगी। वही उपस्थित शिक्षिका ने भी अपनी कुछ जानकारियां गणमान्यों के सामने प्रस्तुत की।

इस मौके पर अधिवक्ता हरिशंकर प्रसाद, सुभाष कटरियार, बैजनाथ शर्मा, सुनील कुमार सहित सुजय कुमार सिंह, दीपक चंद्र गुप्ता, कृष्णा रजक, राकेश कुमार, संजय रवानी, विजय साव, कई शिक्षिका, सहिया एवं आशा वर्कर मौजूद थे।

 398 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *