सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। झामुमों चाईबासा के वरीय नेता व् दिवंगत देवेन्द्र माझी के पुत्र जगत माझी ने 17 अक्टूबर को एक साक्षात्कार में बताया कि स्वर्गीय देवेन्द्र माझी जंगल में रहने वाले आदिवासियों के मसीहा व् आवाज थे।
उन्होंने बताया कि दिवंगत देवेन्द्र माझी ने वर्ष 1969 में बीड़ी पत्ता श्रमिकों को संगठित कर कंपनियों के विरूद्ध आंदोलन का सूत्रपात किया था। जिसकी प्रतिक्रिया में बीड़ी कंपनियों के दबाव पर उनके पिता को सर्वप्रथम वर्ष 1971 में बांझीकुसुम गांव की घेरेबन्दी कर गिरफ्तार किया गया था।
जेल में उनकी मुलाकात दिशोम गुरु शिबू सोरेन से हुई, जो अपने क्षेत्र में महाजनों के विरुद्ध आन्दोलन किए जाने की वजह से जेल में थे। इन दोनों ने संयुक्त रूप से अपने-अपने क्षेत्र में झारखंड अलग प्रांत हासिल करने के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
झामुमों के वरीय नेता माझी के अनुसार उनके पिता की गिरफ्तारी से क्षुब्ध बीड़ी मजदूरों ने बीड़ी से लदे तीन ट्रकों को बांझीकुसुम गांव के ही समीप जलाकर राख कर दिया। रिहा होने के बाद उन्होंने जंगलों में बसे मूलवासियों के नाम जमीन नियमित करवाने हेतु सरकार के विरुद्ध जोरदार आन्दोलन छेड़ दिया था।
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