शिक्षा की बेहतरी के लिए लाला शंभू नाथ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। बिहार के औरंगाबाद जिला के हद में बारून में प्रख्यात शिक्षाविद एवं पूर्व प्राचार्य लाला शंभू नाथ की छठी पुण्यतिथि के अवसर पर 28 दिसंबर को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान की चर्चा की गई।

इस अवसर पर आयोजित पुण्यतिथि समारोह में जदयू औरंगाबाद जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक दामोदर दास गुप्ता, हजारी सिंह, बद्री नारायण सिंह, शिक्षक मणि पांडेय, युवा राजद के प्रदेश सचिव डॉ चंदन कुमार, आदि।

खादी ग्रामोद्योग समिति के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव, ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार सतीश कुमार मिश्र, व्यापार मंडल के अध्यक्ष मिथिलेश दीपक, व्यवसायी राज किशोर गुप्ता शिक्षक के अलावा शिक्षाविद स्वर्गीय नाथ की धर्मपत्नी अरुण लता सिन्हा उपस्थित थे।

इस अवसर पर दिवंगत लाला शंभू नाथ के दोनों सुपुत्रों वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर एवं श्रीराम अम्बष्ट ने कहा कि बिहार के रोहतास, औरंगाबाद, गया और भोजपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा की बेहतरी के लिए किए गए उनके प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता।

स्वर्गीय नाथ ने अपने स्तर से प्रयास कर कई विद्यालयों की स्थापना कराई और सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया। बताया गया कि उनके कई शिष्य प्रशासन, विज्ञान, शिक्षा,क्षेत्र न्यायाधिकरण सेवा, पुलिस अधिकारी, राजनीति आदि के  में उच्च पदों पर पहुंचे और वे आज समाज एवं राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।

विद्यालयों में पूरी तरह अनुशासन बनाए रखने की उनकी विशेषता की चर्चा आज भी इन जिलों में होती है। पुण्यतिथि के अवसर पर आगत अतिथियों का स्वागत डॉ वैभव श्रीवास्तव, साकेत अम्बष्ट, कौस्तुभ किशोर आदि ने किया।

 

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