झारखंड गठन के बाद भी बुनियादी सुविधा न होना दुर्भाग्यपूर्ण-इफ्तेखार महमूद

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। झारखंड गठन के बाद भी सुदूरवर्ती क्षेत्र में बुनियादी सुविधा न होना दुर्भाग्यपूर्ण बात है। इसमें सरकार की इच्छा शक्ति की कमी है। उक्त बातें झारखंड राज्य आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने 24 नवंबर को ग्रामीणों की बैठक में कही।

जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड के अति सुदूरवर्ती क्षेत्र सड़क, बिजली, पेयजल जैसी आधारभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित लुगु और जिन्गा पहाड़ के बीच जंगलों से घिरा असनापानी, बिरहोरडेरा और काशीटांड के आदिवासी रहिवासीयों की 24 नवम्बर को बुधन मांझी की अध्यक्षता में बैठक हुई।

बैठक में रहिवासियों की पिड़ादायक समस्याओं को सुनने के बाद भाकपा राजद जन अभियान के संयोजक एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि झारखंड गठन के 23 साल बाद भी बोकारो जिला के किसी भी गांव का सड़क बुनियादी सुविधा से वंचित होना दुर्भाग्य की बात है।

उन्होंने कहा कि असनापानी, बिरहोर डेरा एवं काशीटांड गांव में हाथियों के झुंड का आना लगा रहता है। ऐसी हालत में रहिवासियों के जीवन रक्षा के लिए बिजली का होना आवश्यक है। किंतु कार्रवाई सिर्फ फाइलों में ही सिमटा हुई है।

महमूद ने कहा कि दो माह पूर्व सितंबर माह में सड़क का न होने के कारण संजय किस्कू की गर्भवती पत्नी का इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने में अत्यंत विलंब हुआ। परिणामस्वरूप बच्चा जन्म से पहले ही मर गया। महमूद ने कहा कि बिरहोरडेरा के बगल से बरकाकाना -गोमो रेल लाइन गुजरता है। पैसेंजर ट्रेनों का हॉल्ट भी कर देने से उपर्युक्त तीनों गांव के रहिवासियों को बहुत राहत मिल सकती है।

किंतु इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में एक भी घर किसी पहाड़ पर रहता है तो वहां बिजली और पानी की सुविधा दी गई है। लेकिन झारखंड में विकास की गतिविधियां सिर्फ शहरों तक ही सिमित दिखाई पड़ती है। बैठक में दसई रविदास, सुभाष मांझी, रमेश मांझी, बिरालाल किस्कु, राबिन टुडू, तालों देवी, लालजी मांझी, तालों मरांडी, रामजी मांझी सहित दर्जनों रहिवासी उपस्थित थे।

 90 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *