किरीबुरु खदान में संयुक्त यूनियन की बैठक

संयुक्त मोर्चा बाहरी की नियुक्ति का विरोध करता है-राजेंद्र सिंधिया

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में किरीबुरु खदान में 8 जनवरी को संयुक्त यूनियन मोर्चा द्वारा बैठक की गयी। बैठक में स्थानीय मुद्दों पर एकत्रित होकर लड़ने पर जोर दिया गया।

बैठक में वक्ताओं द्वारा सरकारी आदेश का उल्लंघन कर स्थानीयता का अवहेलना कर खदान में नियुक्ति लेना सेल प्रबंधन की कार्य कलाप की निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। कहा गया कि स्थानीय बेरोजगार रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। ठेका श्रमिकों की तरह खदान में कार्यरत हैं। उत्पादन में अपना सब कुछ न्यौछाबर किए हुए हैं, पर जब बहाली होती है तो उसमें इन्हे अनदेखी किया जाता है।

जल, जंगल, जमीन जिनकी है उन्हें जन सुनवाई में रोजगार देने का वादा किया जाता है। जब रोजगार देने की बारी आती है तो उन्हें धोका दे कर बाहरी कामगारों को नियुक्ति दिया जाता है। कहा गया कि वर्ष 2010 तक बहाली में स्थानीयता को प्रमुखता नहीं दिया गया। इसके बाद जितनी भी बार बहाली लिया गया, स्थानियता की अवहेलना किया गया।

जबकि झारखंड सरकार ने 75 प्रतिशत स्थानियता को अग्राधिकार देने का प्रावधान रखा है। उसे भी उल्लंघन कर नियुक्ति में बाहरी को प्रमुखता दिया जा रहा है। स्थानीय नियमित कर्मचारी जो मेडिकल के आधार से अपने आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान है, उसे भी पुरा नहीं कर रही है। दर्जनों कर्मचारी कार्य करने में असमर्थ हैं।

उनके पुत्र पुत्री को काम देना छोड़ नियुक्ति मे बाहरी की बहाली पर सेल प्रबंधन जोर दे रहा है। अर्थात जिनकी जमीन उन्हें ही बेदखल करने का षढ़यंत्र रच रहा है। इसका संयुक्त मोर्चा पुरजोर विरोध करता है।

बैठक में स्थानीय समस्या बेरोज़गारी, अस्पताल में चिकिस्त्कों की कमी, दासा भुगतान में कटौती, एमआई से नियुक्ति, स्थानीय यूनियन प्रतिनिधियों की अवहेलना आदि मुद्दों को लेकर सयुक्त मोर्चा की बैठक हुई। बैठक में एमआई और अन्य मुद्दों पर अगर सेल प्रबंधन सकारात्मक रवैया नही उठाता है तो संयुक्त मोर्चा कड़े कदम उठाने को बाध्य होगा।

गुआ खदान में हो रही आंदोलन को समर्थन देते हुए सेल प्रबंधन किरीबुरु को यह चेतावनी देने का निर्णय लिया गया। कहा गया कि किरीबुरु खदान में गुवा के नए कामगारों को जोइनिंग देने का प्रयास किया जाता है तो संयुक्त यूनियन पूरे खदान को ठप करने को बाध्य होगा। पहले स्थानियता, कार्यरत ठेका श्रमिकों को अग्राधिकार दिया जाए। अन्यथा आंदोलन को झेलने को तैयार रहें।

बैठक में एटक, सीटू, इंटक, बीएमएस, जेएमएमयू, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ आदि श्रमिक संगठन पदाधिकारी व् समर्थक मौजूद थे।
बैठक की अध्यक्षता सहज़ादा अहमद कर रहे थे। संयोजक के तौर पर बैठक का आयोजन झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु के महामंत्री राजेंद्र सिंधिया कर रहे थे। बैठक में जगमोहन सामद, कामदेव मिश्रा, मुकेश ठाकुर, प्रमोद महंता, महेश्वर पान, सजीव सिंह, संजीत कुमार, युधिष्ठिर पोसायत, गौतम कुमार, सुनिल कुमार पासवान आदि अनेक मौजूद थे।

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