जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। झालसा रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के मार्गदर्शन में 18 दिसम्बर को केंद्रीय कारा गिरिडीह में काराधीन बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह सौरव कुमार गौतम के मार्गदर्शन में रिमांड सह रिटेनर सह जेल अधिवक्ता अवध किशोर तिवारी एवं अंजनी कुमार सिन्हा, कारा पाल केंद्रीय कारागार गिरिडीह प्रमोद कुमार उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिमांड अधिवक्ता अवध किशोर तिवारी ने ‌जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बतलाते हुए कहा कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के द्वारा काराधीन बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से कारा में संसीमित बंदियों को निरंतर विधिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बंदियों के बीच से ही पारा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की गई है, जो निरंतर बंदियों के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार तक पहुंचाते हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य किया जाता है। रिमांड सह पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार सिन्हा ने कहा कि वैसे बंदीगण जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल से निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किया जाता है, जो उनके केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। बंदियों के मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से की जाती है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा जेल में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच निरंतर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही जेल पीएलबी को यह निर्देश भी दिया गया कि इस कारा में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे। इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें।

यदि किन्हीं को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी तथा कार्यालय में भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किया जाएगा।

सभी बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्याय प्रशासन एवं कारा प्रशासन का दायित्व है। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम को केंद्रीय कारागार गिरिडीह के कारा पाल प्रमोद कुमार ने भी संबोधित करते हुए बंदियों को कानूनी दायरे में रहकर जेल के सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान किया। उन्होंने बंदियों को अपने समय का सदुपयोग कर पढ़ाई लिखाई एवं अन्य हुनर को सीखने के लिए प्रेरित किया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कारा प्रशासन वैसे बंदी को जो आगे पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं अथवा अन्य तकनीकी ज्ञान हासिल करना चाहते हैं।

उसके लिए केंद्रीय कारागार में सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। बहुत जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक पहल की शुरुआत होने की संभावना है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी जेल पीएलबी रमेश मंडल एवं न्यायालय कर्मी नवनीत कुमार दाराद, जेल कर्मियों तथा पीएलवी दिलीप कुमार की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन पारा लीगल वालंटियर दिलीप कुमार ने किया।

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