विधायक आवास पर मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बोकारो जिला भाजपा महिला मोर्चा द्वारा बोकारो विधायक बिरंची नारायण के आवास पर महिला दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में महिला मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मंजुलता दुबे, बोकारो फाउंडेशन ट्रस्ट की अध्यक्ष नीना नारायण, उत्तरी छोटानागपुर की प्रभारी ऋतुरानी सिंह, जिला उपाध्यक्ष लीला देवी, जिला महामंत्री संजय त्यागी, श्यामलिका दुबे ने सामूहिक रूप से पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष गिरिजा देवी, संचालन महामंत्री बबिता देवी तथा धन्यवाद ज्ञापन संगीता देवी ने की। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष द्वारा सभी अतिथियों को अंग वस्त्र व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। बोकारो फाउंडेशन की अध्यक्ष नीना नारायण ने कहा किअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है।

आधी आबादी के सम्मान में इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। हम ये मान सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक सेंटर प्वाइंट भी है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है।

इसके अलावा महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस किसी न किसी थीम पर आधारित होता है। इस साल का थीम है ‘Gender equality today for a sustainable tomorrow’ यानी ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता जरूरी’। इस बार की थीम में लैंगिक समानता के ऊपर जोर दिया गया है।

कार्यक्रम प्रभारी सह प्रदेश महामंत्री मंजुलता दुबे ने कहा कि कोविड-19 दुनिया में एक समान भविष्य प्राप्त करना” था। इसमें हेल्थ केयर वर्कर्स के रूप में दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। पिछले कुछ समय से दुनियाभर में लैंगिक समानता को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। लोग इस विषय पर काफी सचेत हो गए है।

युनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी। उससे पहले साल 1909 में ही इसे मनाने की कवायद की जा चुकी थी। दरअसल साल 1909 में अमेरिका में पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया गया था।

वहीं रूसी महिलाओं ने पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया था।
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की। हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई।

यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी, जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी। तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं।

इस अवसर पर ऋतुरानी सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक बड़ा हिस्सा है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है।

इसके अलावा महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। गिरिजा देवी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व महिलाओं को सम्मान और प्यार देने को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों को ध्यान में रखकर ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्वयं सहायता समूह के महिलाओं द्वारा उनके संस्था द्वारा निर्मित वस्तुओं का स्टाल लगाया गया।

स्टाल में कपड़े की वस्तु, मिट्टी का दिया, मोमबत्ती, हैण्डलूम आदि की प्रदर्शनी लगाई गई। इस अवसर पर ममता गोस्वामी, लक्ष्मी देवी, आशा देवी, मीरा देवी, चंपा देवी, प्रियंका पांडेय, अनिता पांडेय, सरिता देवी, बबीता देवी, अंजना देवी, संजू वर्णवाल, पंछी कुमारी, संतोषी कुमारी, खुशी कुमारी, अंबिका कुमारी, बीणा शर्मा को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में जिला मीडिया प्रभारी महेन्द्र राय, माथुर मंडल, संगीता देवी, विनीता देवी, सुनीता देवी, प्रीति गुप्ता, पूनम पांडेय, दयावंती देवी, राधा देवी, नीलम उपाध्याय, सरिता वर्णवाल, सुमिता साहू, रंजू देवी, वीणा देवी, भारती देवी, कल्पना देवी, सीमा देवी साथ ही सभी मंडलों की महिला मोर्चा की कार्यकर्ता मौजूद थी।

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