भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध है-संत प्रवर विज्ञान देव

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। विहंगम योग जन जन के बीच सनातन प्रवृति को जागृत करने, मानव जीवन से कुंठा, द्वेष को दूर करने में लगा है। हमारी भारतीय संस्कृति विश्व के सभी संस्कृति से समृद्ध है।

उक्त बातें विहंगम योग संत समाज के प्रमुख प्रचारक संत प्रवर विज्ञान देवजी महाराज ने 29 मई की संध्या बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में गोमियां स्थित विधायक आवास में प्रेस वार्ता में कही।

संत प्रवर विज्ञान देव तेनुघाट में आयोजित 501 कुण्डीय महायज्ञ हवन के अवसर पर गोमियां विधायक डॉ लम्बोदर महतो (Gomiyan MLA Dr Lambodar Mahto) के आईएल मार्ग स्थित विधायक आवास में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि तेनुघाट में गोमियां विधायक के सौजन्य से महायज्ञ का सफल संचालन किया गया है।

उन्होंने कहा कि विहंगम योग संत समाज पुरे विश्व स्तर पर योग एवं वैदिक महायज्ञ के माध्यम से विश्व शांति के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध है। जिसमें अध्यात्म हमारी संस्कृति को सहज रूप से प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि मन पर नियंत्रण नहीं होने से समाज में कई तरह की विसंगति उतपन्न हो रहा है। विहंगम योग की साधना से हम अपने मन पर नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं।

संत प्रवर ने कहा कि विहंगम योग की साधना के माध्यम से दस मिनट के अभ्यास से हमारे मस्तिष्क में अल्फा तरंगे बढ़ने लगती है। उन्होंने कहा कि युनेस्को की प्रस्तावना कहती है कि युद्ध की प्राचीरे मन से निकलती है। अत: मन पर नियंत्रण आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि मन पर नियंत्रण के दौरान अल्फा के बढ़ने से शांतिमय सचेत अवस्था का निर्माण होता है। ऐसी तरंगे जिनसे तनाव, अशांति, चिरचिड़ापन बढ़े वह योग साधना से कम होने लगता है। संत प्रवर के अनुसार मानव जीवन आनंदमयी बने। कोई हताशा, कुंठा, अवसाद, निराशा हमें घेर न ले, क्योंकि जीवन का आधार परमात्मा है। वह आनंद स्वरूप है।

विहंगम शब्द के संबंध में पूछे जाने पर संत प्रवर विज्ञान देव ने बताया कि जिस प्रकार आकाश मार्ग में पंक्षी स्वछंद विचरण करता है विहंगम योग मानव जीवन को भी योग के माध्यम से परमात्मा से स्वछंद मिलन का मार्ग प्रसस्त करता है।

अ अंकित श्वेत धवजा के संबंध में संत प्रवर ने कहा कि अ जीवन का मुल है। प्रारंभ है। इसलिए विहंगम योग का उदेश्य भी मुल से जुड़ा है। मौके पर संत प्रवर विज्ञान देवजी महाराज के साथ गोमियां विधायक डॉ लम्बोदर महतो उपस्थित थे।

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