स्कूल खोलने को लेकर छात्र छात्राओं का अनिश्चितकालीन धरना शुरू

छात्रों के समर्थन में धरना पर बैठे पंचायत समिति सदस्य अयुब खान

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड क्षेत्र के कामता पंचायत के राजकीय प्राथमिक मध्य विद्यालय भुसाढ को खोलने के लिए गांव के छात्र छात्राओं ने स्कूल में ही बीते 7 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। आंदोलनकारी बच्चों को स्थानीय पंचायत समिति सदस्य अयुब खान का समर्थन मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार चंदवा प्रखंड के हद में कामता पंचायत के प्राथमिक मध्य विद्यालय भुसाढ को उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बृंदा में मर्ज कर दिया गया है। चार वर्ष पहले तब से अभी तक भुसाढ स्कूल बंद है, जिसके कारण गांव के तीस से अधिक छात्र छात्राएं बृंदा स्कूल पढ़ने जाती है।

वहीं गांव के तीस से अधिक बच्चे दुसरे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं तथा स्कूल बंद रहने के कारण कुछ बच्चे स्कूल नहीं जाकर गांव में खेलते हैं। बच्चों की धरना देने की सुचना मिलने पर पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने धरना दे रहे छात्र छात्राओं से मुलाकात की। वह भी छात्र छात्राओं के संग धरना पर बैठ गये।

इस अवसर पर धरना ड़े रही छात्रा पुनम कुमारी, नितु कुमारी, संध्या कुमारी, नेहा कुमारी, सोनाली कुमारी ने बताया कि हम सभी गांव के स्कूल में पढ़ना चाहते हैं। गांव में स्कूल होने के बाद भी हमे दुसरे गांव के विद्यालय में पढ़ने जाने के लिए मजबूर किया गया है। पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, ग्राम प्रधान सुरेश उरांव ने कहा कि गांव से दूर शिक्षा ग्रहण करने में नन्हें नन्हें बच्चों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

पंसस खान ने बताया कि पंचायत के भुसाढ स्कूल को चालू कराने के लिए बच्चों द्वारा धरना शुरू करने की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी के नाम पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार को और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय में दे दी गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे प्रत्येक दिन सुबह सात बजे से नौ बजे दो घंटे स्कूल में धरना देंगे। नौ बजे के बाद पढाई करने स्कूल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भुसाढ स्कूल को नियम के विरूद्ध मर्ज कर दिया गया, जो गांव के आदिवासी समुदायों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के खुल जाने से बेटियों और उनके अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।

धरना दे रहे छात्र छात्राओं में पुनम कुमारी, राजकुमार उरांव, नितु कुमारी, सोनु उरांव, मोनु उरांव, पवन लोहरा, उपेन्द्र लोहरा, विभाकर उरांव, लक्की लोहरा, नितेश उरांव, अक्षय लोहरा, सुरज लोहरा, अभिमन्यु उरांव, पवन लोहरा, अकाश उरांव, रितेश लोहरा, संध्या कुमारी, नेहा कुमारी, सोनाली कुमारी, आदि।

विक्रांत कुमार, ग्राम प्रधान सुरेश उरांव, ग्रामीण बनारसी साव, बैजनाथ ठाकुर, सकिंदर ठाकुर, तेजकुमार पन्ना, अनोद उरांव, गीता देवी, बीरवा देवी, सीतामनी देवी, सलमी देवी, सीता देवी, रुबी देवी, सुनीता देवी आदि शामिल थी।

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