हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में रामायण मंचन कार्यक्रम का उद्घाटन

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में 10 दिसंबर को रामायण मंचन कार्यक्रम का उद्घाटन उद्घाटन किया गया। उद्घाटन परसा के राजद विधायक छोटेलाल राय, एनडीसी रजनीश कुमार राय, पूर्व वार्ड पार्षद अभय कुमार सिंह आदि ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर रामलीला की प्रस्तुति की गयी।

उद्घाटन भाषण में विधायक छोटेलाल राय ने उपस्थित रामायण प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा ज सर्वप्रथम जिन्होंने हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में रामायण मंचन का शुभारंभ किया था, वे साधुवाद के पात्र है। उन्होंने कहा कि रामायण मंचन कार्यक्रम देखने व सुनने से श्रद्धालुओं में विशेष जागृति आती है।

उन्होंने कहा कि परिवार और समाज में व्यक्ति को किस तरह से रहना चाहिए उसकी शिक्षा रामायण से मिलती है। एक दूसरे से कैसा व्यवहार करना चाहिए उसकी सिख भी रामायण में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेला में यह मंचन कार्यक्रम कम से कम पन्द्रह दिन चले इसके लिए वे मेला प्रशासन से अपील करते है।

उन्होंने कहा कि रामायण के साथ साथ आने वाले दिनों में यहां महाभारत और कृष्ण लीला का मंचन भी होना चाहिए। पूर्व की भांति मेले मे पशु भी आना चाहिए। केंद्र के कारण कई तरह की कानूनी बंदिशे है वह हटना चाहिए।

विधायक राय ने कहा कि मेला में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को एक साथ महीने भर के लिए लाइसेंस मिलना चाहिए। 32 दिनों के मेला को जीवंत रखने के लिए विविध आयोजनों का होना जरुरी है। आरंभ में स्वागत और अंत में धन्यवाद ज्ञापन एनडीसी रजनीश कुमार राय ने किया।

रामायण मंचन के पहले दिन कम दिखी भीड़

प्रथम दिन रामायण मंचन कार्यक्रम के प्रथम दिन 10 दिसंबर की संध्या उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपने अभिनय से जीवंत बना दिया। ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनियां भक्तिमय गीतो और भजन से आरंभ रामायण मंचन में पहला दिन अयोध्या के राजा दशरथ से रानियों की पुत्र कामना, पुत्र कामेष्टी यज्ञ और हविष्य देना, राम जन्म संदेश, राम जन्म बधावा, नामकरण का दृश्य देखने को मिला।

साथ ही बालक राम के चलने के समय के गीत “ठुमक ठुमक चलत रामचंद्र बजत पैजनियां” ने उपस्थित जनों का मन मोह लिया। इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा हरिहर नाथ मंदिर न्यास समिति के सचिव विजय कुमार सिंह लल्ला, कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार, मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री समेत सैकड़ो धर्म पीपासु उपस्थित थे।

 

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