वैशाली लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण से होता है जीत हार का फैसला

महागठबंधन प्रत्याशी मुन्ना शुक्ला और एनडीए प्रत्याशी वीणा देवी के बीच महामुकाबला

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली लोकसभा क्षेत्र में मतदान छठे चरण यानी आगामी 25 मई को चुनाव होना है। इस बार चुनाव मैदान में इंडिया गठबंधन समर्थित राजद के प्रत्याशी विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और जदयू के एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी वीणा देवी आमने-सामने है। यहां अबतक के चुनावों में जातीय फैक्टर हावी रहा है।

जानकारी के अनुसार वैशाली लोकसभा क्षेत्र में वीणा देवी जहां राजपूत समाज से आती है। उनके पति भी मुजफ्फरपुर जिले के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं। दूसरी ओर मुन्ना शुक्ला भी दबंग राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। दोनों प्रत्याशी धन बल और जनबल में काफी मजबूत है।

वैशाली ऐतिहासिक महत्व के साथ फलो के उत्पादन का भी प्रमुख केंद्र रहा है। केला, आम और लीची के लिए वैशाली की पहचान पूरे देश में है। वैशाली बिहार प्रांत का एक महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है। मुजफ्फरपुर जिले के पांच और वैशाली जिले के एक विधानसभा क्षेत्र वैशाली से मिलकर बना है।

लेकिन वैशाली लोकसभा क्षेत्र विकास के मामले में बहुत पिछड़ा क्षेत्र है। वर्षों से निर्माणाधीन हाजीपुर सुगौली रेल लाइन का काम इस वर्ष हाजीपुर से देवरिया तक पूरा किया जा सका है, लेकिन रेल का संचालन अभी वैशाली तक ही हो रहा है। इस लोकसभा क्षेत्र में उत्तर बिहार का सबसे पुराना हवाई अड्डा पताही आज भी अपने पुनरुद्धार की बाट जोह रहा है।

वर्ष 1977 के पहले यह लोकसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का भाग था। साल 1977 में अस्तित्व में आए वैशाली के पहले सांसद जनता पार्टी के दिग्विजय नारायण सिंह थे। बाबू दिग्विजय नारायण सिंह वर्ष 1952 से लेकर लगातार इस लोकसभा क्षेत्र के 28 वर्ष तक सांसद रहे। आरजेडी के समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पांच बार यहां से जीत दर्ज की है। वर्तमान में यहां की सांसद एलजेपी की वीणा देवी हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वीणा देवी ने आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह को 2,34,584 वोंटो से हराया था। इसके छह विधानसभा क्षेत्र यथा वैशाली, बरूराज, मीनापुर, कांटी, साहेबगंज और पारू से मिलकर बने वैशाली में कुल 17,35,983 मतदाता हैं।

जानकार बताते है कि वैशाली में बिहार के दूसरे लोकसभा क्षेत्र की तरह ही जातीय समीकरण से हार जीत तय होता है। रघुवंश प्रसाद सिंह के रहते यहां राजपूत-यादव समीकरण चलता था। वर्ष 2014 के मोदी लहर में यह समीकरण टूट गया। वैशाली में राजपूत और यादव वोटरों का दबदबा है।

राजपूत अब बीजेपी के साथ है, तो यादव पहले की तरह लालू यादव के पक्ष में। इसके साथ इस लोकसभा क्षेत्र में भूमिहार, मल्लाह, मुस्लिम तथा कुशवाहा मतदाता भी काफी संख्या में है। महागठबंधन के साथ यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाता साथ है।

इस बार मुन्ना शुक्ला के प्रत्याशी होने की वजह से भूमिहार मतदाता महागठबंधन के साथ है, जबकि राजपूत समाज और मोदी समर्थक मतदाता लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी के साथ है। यदि इस बार के चुनाव में मल्लाह और कुछ दलित जातियों का महागठबंधन को सपोर्ट मिल गया तो लोजपा के लिए अपनी सीट बचाना मुश्किल होगा।

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