सुबह रंगों की बाछौर तो दोपहर से होली गीत पर झुमते रहे लोग

ढ़ोलक-डम्फा, झाल-करताल के थाप पर थिरकते रहे रहिवासी

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। सुबह से रंगों की बाछौर एवं दोपहर से रात तक 19 मार्च को होली पर्व के अवसर पर सांस्कृतिक टीम द्वारा होली गीत गाकर होली का जश्न मनाया गया।

इस अवसर पर समस्तीपुर शहर (Samastipur City) के विवेक-विहार मुहल्ला विकास समिति एवं जसम की “दस्तक” गायन-वादन टीम द्वारा मुहल्ला में घर-घर घूमकर होली गीत गया गया। इस दौरान उत्सवी रहिवासी अपने-अपने हाथों में डम्फा-ढ़ोलक, झाल-करताल के थाप पर एक से बढ़कर एक परम्परागत एवं आधुनिक होली गाते रहे।

ढ़ोल-डम्फा के थाप पर “गांधी तेजलन प्राण टूटली महलिया में जाईके”, “उठअ् मजदूर- किसान देशवा के जुल्मी से बचावअ्”, “रेल बिकी गईले, जहाज बिकी गईले, बिकी गईले देशवा के बैंक हो”, “बबुआ सरवन कुमार मते जईयो पनिया भरण को” आदि होली गीत पर श्रोता थिरकते रहे।

लोग अपने- अपने घरों के सामने गुलाल लगाकर, फल-मिष्ठान, पुआ, गुंजिया खिलाकर होली मंडली का स्वागत करते रहे। इसमें विवेक-विहार मुहल्ला के अलावे अन्य कई मुहल्ले के लोग शामिल रहे। अंत में संत पॉल स्कूल के पास चैतावर गाकर होली को विदाई किया गया।

कार्यक्रम में सेवानिवृत्त फौजी गंगेश कुमार, रामसकल सिंह निराला, रामबली सिंह, प्रवीण कुमार, अरूण कुमार, उमेश कुमार, विजय सिन्हा, पवन कुमार महतो, विश्वनाथ राम, कपिल महतो, कुंदन कुमार, विष्णुदेव प्रसाद, लालमणि प्रसाद, जीतेंद्र कुमार, सुदर्शन पाठक, सोनू कुमार, वीरेंद्र कुमार, महेंद्र राय, कपिल महतो समेत सौ से अधिक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के (Cultural Programme) अंत में एक सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया। मौके पर प्रोफेसर शशिभूषण कुमार शशि ने परम्परागत होली को जिंदा रखने समेत शांति एवं सौहार्दपूर्ण होली मनाने को लेकर धन्यवाद ज्ञापन किया।

 

 186 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *