झारखंडी समाज के हक, अधिकार की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ता रहुंगा-हेंब्रम

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। मै जिन्दा रहुं या ना रहूं, झारखंड और झारखंडी समाज के हक और अधिकार की लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ता रहुंगा।

उपरोक्त बातें 24 जुलाई को झारखंड बचाओ मोर्चा के तत्वधान में संकल्प दिवस सह माल्यार्पण समारोह में बोरियो विधायक सह झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय मुख्य संयोजक लोबिन हेंब्रम ने कही। हेंब्रम रांची के मेकन श्यामली कॉलोनी त्रिमूर्ति चौक डोरंडा में माल्यार्पण सह संकल्प दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

हेंब्रम ने कहा कि आज से 21 वर्ष पूर्व संतोष कुंकल, विनय तिग्गा, कैलाश कुजूर जिस सपनों के साथ शहीद होने का काम किया था। उनके शहीदी तथा बलिदान को हम लोग व्यर्थ नहीं जाने देंगे। सड़क से सदन तक उनके देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति को लागू कराने की दिशा में हम लगातार संघर्ष करते रहेगें।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के 23 वर्ष के बाद भी झारखंड में दलित, आदिवासी, मूलवासी भाइयों के जल, जंगल, जमीन नौकरी लूटी जा रही है और पूर्ववर्ती सरकार हो या वर्तमान सरकार सब धृतराष्ट्र की भूमिका में बैठकर इस लूट को देखने का काम कर रही है। जिसकी हम निंदा करते हैं।

इस अवसर पर झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कहा कि हम डोमिसाइल आंदोलन के वीर शहीदों के देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए गोलबंद होकर संघर्ष करने का काम करेंगे। उनके द्वारा देखे गए सपनों को पूरा करने का काम करेंगे।

नायक ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय रहा कि आज हम इन वीर शहीदों के सपनो को पुरा नही कर सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को हम लोग लगातार आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। खतियान आधारित नियोजन नीति एवं स्थानीय नीति के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं, मगर सोरेन सरकार इस दिशा में 4 वर्ष के बाद भी एक कदम आगे नहीं बढ़ा सकी है। यह दु:ख और आक्रोश का विषय है।

इस अवसर पर झारखंड बचाओ मोर्चा के नेता प्रेम साही मुण्डा ने कहा कि आने वाले दिनों में हम लोग विभिन्न झारखंडी नामधारी संगठनों को गोल बंद कर एक व्यापक आंदोलन खड़ा करेंगें, ताकि वीर शहीदों के सपनों को पूरा कर सके। सुषांतो मुखर्जी ने कहा कि यह आक्रोश का विषय है कि राज्य निर्माण के 23 वर्ष बाद भी झारखंडी समाज अपने अस्तित्व और पहचान की लड़ाई लड़ने को मजबूर है, जो वर्तमान सरकार के लिए शर्म की बात है।

मौके पर झारखंड बचाओ मोर्चा नेता जगदीश पाहन, हलधर तथा चंदन पाहन ने कहा कि झारखंडी समाज के हक और अधिकार अपनी पहचान की लड़ाई को मंजिल तक पहुंचाने के लिए हमें जो भी आंदोलन करना पड़ेगा, हम सब मिलकर करने का काम करेंगे।

आनन्द तांबा तथा विक्की पाहन ने कहा कि अब इस दिशा में कोई भी कोताही बरती नहीं जाएगी। कहा कि डोमिसाइल आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब उनके सपने को पूरा कर सकेंगे।
माल्यार्पण सह संकल्प दिवस के अवसर पर उपरोक्त के अलावा भीम तिर्की, बंसी लोहरा, सबरीना टोप्पो, संदीप राम, मुन्ना टोप्पो, राजेश लोहरा, निरंजना हेरेंज, अजय नाग, भोला अंसारी, मंटू राम, भुषण कच्छप, कुन्दन कुमार सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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