एचईसी मजदूरों के साथ अन्याय करना बंद करें अन्यथा होगा तालाबंदी-विजय

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। एचईसी प्रबंधन मजदूरों के साथ अन्याय करना बंद करें एंव उनके 18 माह के बकाये वेतन का अविलंब भुगतान करें। अन्यथा सभी कर्मचारियों को गोलबंद कर एचईसी में अनिश्चितकालीन तालाबंदी किया जायेगा।

उपरोक्त बातें 18 जनवरी को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड, छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने एचईसी मजदूरों का पिछले 18 महीने से बकाये वेतन नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

नायक ने कहा कि आज मजदूरो की आर्थिक स्थिति 18 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण बद से बतर हो गई है। उनके बच्चे को शिक्षा लेने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। परिवार में बीमार का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। वह ठीक से 2 जून भोजन नहीं कर पा रहे है। नायक ने बताया कि एचईसी के सेवानिवृत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, वी-लीव, सैलेरी का भुगतान 5 साल से बंद है।

नायक ने बताया कि आज एचईसी के मजदूरों का पीएफ का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। दुसरी ओर ठेका पर काम करने वाले मजदूरों का ठेका भी समाप्त हो गया है, जिस कारण 1600 मजदूरों का भविष्य खतरे में है।

और तो और इन सभी मजदूरों ने इस संदर्भ में एचईसी प्रबंधन को कई बार ध्यान आकर्षित कराया, लेकिन वेतन भुगतान करने की दिशा में एवं अन्य बिंदुओं पर एचईसी द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई जो इन मजदूरों के साथ अन्याय और शोषण है। जिसे संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी।

नायक ने कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में आई है, तब से जानबूझकर एचईसी के प्रति उदासीनता दिखाकर बंद करने की साजिश में लगी हुई है। आज केंद्र के द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है कि एचईसी को किसी भी हालत में बंद कर उसे अपने समर्थक उद्योगपतियों के हाथ बेचने का षड्यंत्र कर करोड़ो, अरबो की परती पड़ी भूमि को हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।

जिसे एचईसी नगरवासी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे और एचईसी को बचाने के लिए हर वह कदम उठाने को मजबुर होंगे जिससे एचईसी बच सके। नायक ने कहा कि यदि प्रबंधन अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर मजदूरों के बकाये का भुगतान नहीं करती है तो वे मजदूरों को गोलबंद कर एचईसी में अनिश्चित कालीन तालाबंदी करने का काम करेंगे।

 47 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *