एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। शिशु से अलग कर एक महीने तक मां को बंधक बनाने वाले जेनेटिक अस्पताल का निबंधन एवं मान्यता अविलंब समाप्त कर रिम्स अस्पताल को सेना के हवाले करे चंपई सोरेन सरकार।
उपरोक्त बातें 28 जून को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा झारखंड, छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने कही। नायक रांची के बरियातू इलाके में मौजूद जेनेटिक हॉस्पिटल में एक महीने तक एक मां को बंधक बनाकर रखे जाने एवं झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले को एवं रिम्स हॉस्पिटल की अव्यवस्था पर संज्ञान लेने पर अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कही।
नायक ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री प्राइवेट गौतम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का आधारशिला रख रहे हैं। दूसरी ओर सरकारी रिम्स हॉस्पिटल अव्यवस्था का शिकार होकर दम तोड़ रहा है। जिस पर हाईकोर्ट संज्ञान लेने का काम कर रही है, जो राज्य की जनता के लिए चिंता का विषय है।
नायक ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने रांची स्थित रिम्स में आधारभूत संरचना और सिस्टम की गड़बड़ियों पर गहरी चिंता जताते हुए तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि अगर राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग रिम्स की व्यवस्था को दुरुस्त करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है तो इसे बंद कर देना चाहिए।
ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए। कहा कि तत्काल रूप से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस्तीफा दे देना चाहिए। नायक में कहा की झारखंड राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य से लेकर मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र, कुपोषण से बचाव केंद्र सभी फेल हो चुके हैं।
इसी का परिणाम है कि आए दिन अखबारों की सुर्खियों में कभी एंबुलेंस के अभाव में रोगी की मौत, कभी आधारभूत संरचना व् डॉक्टर के अभाव में मरीजों की मौत तो कभी उपकरण के अभाव में मरीजों की मौत आए दिन देखने को मिलता है।
यह बहुत ही चिंता और आक्रोश का विषय है कि इन 24 वर्षों में भी हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड के गरीब गुरुबा को अच्छी स्वास्थ्य सेवा सुविधा उपलब्ध नहीं करा सके हैं। जिसके लिए भाजपा, कांग्रेस, झामुमो सरकार पूर्ण रूप से दोषी है।
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