निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाये सरकार-विजय शंकर नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राज्य के सरकारी अस्पतालों की भयावह एवं दयनीय स्थिति होने के कारण निजी अस्पतालों द्वारा गरीब व् आम मरीजों को लूटने का काम किया जा रहा है। जिसे राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को इस दिशा पर कार्रवाई करते हुए वैसे निजी अस्पतालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

उपरोक्त बातें 19 मई को झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही। नायक ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को ईमेल भेजकर उक्त बातें कही।

उन्होंने जनहित में सभी प्रकार के रोगों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में दर का निर्धारण करने की मांग की है। उन्होंने रोगों के इलाज के शुल्क संबंधी जानकारी अस्पतालों में सार्वजनिक रूप से शिलापट्ट पर अंकित करने की मांग किया है।

नायक ने यह भी कहा है कि आज सरकारी अस्पतालों में आधारभूत संरचना की कमी के कारण डॉक्टरों एवं उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं रहने के कारण निजी अस्पताल फल-फूल रहे हैं। जिससे निजी अस्पताल लूट का अड्डा बनता जा रहा है।

आम जनों को अच्छी स्वास्थ्य चिकित्सा लेनी है तो इन निजी अस्पताल के हाथ अपने पैसों को लुटाने पर मजबूर होना होगा, तभी अच्छी चिकित्सा व्यवस्था इन्हें नसीब हो पाएगी।

उन्होंने कहा कि गरीब मरीजों की कैसे लूट की जा रही है जिसका ज्वलंत उदाहरण रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर टाटीसिल्वे स्थित स्वर्ण रेखा अस्पताल है। जिसमें मरीज से ₹10 हजार राशि ऑक्सीजन देने के नाम पर अधिक ले लिया गया था।

जब मरीज के परिजनों ने आईएमए से गुहार लगाई तो आईएमए के पदाधिकारियों ने हस्तक्षेप कर उक्त अधिक लिए गए राशि को वापस ₹10 हजार कराने का काम किया। ऐसे बराबर विभिन्न समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है। उन्होंने कहा कि आज निजी अस्पताल लूट का अड्डा बनता जा रहा है ।

नायक ने आगे कहा कि आज रिम्स और राज्य के विभिन्न जिलों के सदर अस्पताल की स्थिति बहुत ही दयनीय, संरचना की कमी, बेपरवाह इलाज की व्यवस्था, डॉक्टरों की कमी, नर्सो की कमी से सरकारी अस्पताल जूझ रहे हैं। ऐसे में झारखंड के गरीब जनता अपने को असहाय होकर निजी अस्पतालों के शरण में जाकर अपने जीवन भर की जमा पूंजी लुटाने पर मजबूर हैं।

सरकार को इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है, ताकि झारखंड के गरीब गुरबा मरीजों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा व्यवस्था उन्हें सुलभ हो सके।

नायक ने झारखंड के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं आईएमए से मांग किया है कि निजी अस्पतालों में मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए दर तुरंत निर्धारित करे, ताकि गरीब जनता निजी अस्पताल से लूट का शिकार ना हो सके।

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