पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा गरगा बचाओ संकल्प यात्रा का शुभारंभ

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अंतर्गत 24 दिसंबर को स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा गरगा बचाओ संकल्प यात्रा का शुभारंभ बोकारो जिला के हद में कसमार ग्राम स्थित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना कर तथा यहां के समाजसेवी शिक्षाविद सह स्वतंत्रता सेनानी रहे स्व. सुरेश कुमार चौबे की मूर्ति पर माल्यार्पण कर प्रारंभ किया गया।

उक्त संकल्प यात्रा यहां से निकलकर ग्रामवासियों को जागृत करते हुए मोटरसाइकिल द्वारा गरगा नदी के उद्गम स्थल यहां के कलौंदी बांध जलकुंड गई, जिसका नेतृत्व समाजसेवी पूर्व डीएसपी सूरज भूषण शर्मा ने किया। बताया जाता है कि कलौंदी बांध जलकुंड पहुंचकर यात्रा में शामिल सैकड़ों पर्यावरण प्रेमियों ने गरगा नदी के उद्गम स्थल की विधिवत पूजा किया। यहां पंडित अखिलेश ओझा और पं. कृष्ण मोहन चौबे ने वैदिक मंत्रों द्वारा पूजा कराया।

इस अवसर पर आयोजित संकल्प सभा में संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने गरगा नंदी की उत्पत्ति का वर्णन करते हुए बताया कि गर्ग ऋषि ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से संबंधित यहां संपन्न यज्ञ में जल की समस्या को दूर करने के लिए अपने तपोबल द्वारा इस नदी की पवित्र धारा को भूगर्भ से इसी स्थान से प्रकट किया था। कहा कि यह नदी गंगा की तरह ही पवित्र मानी जाती है।

आज इसका उद्गम स्थल अत्यंत प्रदूषित होकर गाद से भर गया है, जिसकी साफ सफाई अत्यंत आवश्यक है। बताया कि पहले सालो भर निकलने वाली नदी की जलधारा प्रदूषण के कारण अब लगभग सुख सी ही गई है, जो अत्यंत चिंतनीय है।

इस क्षेत्र के रहिवासियों को इस नदी को मरने से बचाने के लिए आगे आना होगा। साफ सफाई और सघन वृक्षारोपण करना होगा, क्योंकि जल ही जीवन है। अगर नदी का स्रोत सुख गया तो भयंकर जल संकट से रहिवासियों को गुजरना होगा।

सूरज भूषण शर्मा ने कहा कि कसमार वासी अपनी धरोहर गरगा नदी को मरने नहीं देंगे। जिला पार्षद अमरदीप महाराज ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार को इसकी साफ सफाई हेतु मजबूर किया जाएगा। यदुनंदन जयसवाल ने कहा कि कसमार के रहिवासी अब जाग गए हैं और चुप नहीं बैठेंगे।

मुखिया पति धनलाल कपरदार ने कहा कि जबतक यह कलौंदी बांध साफ नहीं होता, हम सभी चैन से नहीं बैठेंगे। इसके बाद गरगा को जिंदा रहने दो – अविरल, निर्मल बहने दो के नारे के साथ यहां से गरगा बचाओ यात्रा पुनः प्रारंभ होकर बनचास, बाराडीह, गोपीनाथपुर और कटका में संकल्प सभाओं के माध्यम के वहां के ग्रामवासियों को जागृत करते हुए गरगा डैम तक जाकर समाप्त हुई।

बताया जाता है कि यात्रा के दौरान नदी की दुर्दशा को देखकर सबों का मन अत्यंत दुखी हुआ तथा यह निर्णय लिया गया कि इस नदी को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन के विरुद्ध धरना, प्रदर्शन और अनसन का आयोजन क्रमवार किया जाएगा।

बताया गया कि 25 दिसंबर को यह यात्रा पुनः गरगा डैम से सुबह 10.30 बजे प्रारंभ होगी, जो गरगा नदी के प्रदूषण और अतिक्रम की स्थितियों का अध्ययन करते एवं रहिवासियों को जागृत करते हुए दामोदर में मिलन स्थल तक जाएगी।

गरगा बचाओ संकल्प यात्रा में सुरेंद्र कुमार पांडेय, रघुबर प्रसाद, अखिलेश ओझा, शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, अमरदीप महाराज, यदुनंदन जयसवाल, कपिल चौबे, तुलसी जयसवाल, शैलेंद्र तिवारी, गौरी शंकर सिंह, वीरेंद्र चौबे, मोहन चौबे, छोगालाल सिंह, प्रभुनाथ चौधरी, शैलेंद्र झा, नीरज कुमार, आदि।

दीपक सिंह, दिलीप गंझू, निरंजन जयसवाल, रंजित जयसवाल, विजय त्रिपाठी, सतीश सिंह, अभय कुमार गोलू, वीणा देवी, टिंकू सिंह, मंजय सिंह, उमेश कपरदार, अनिल उपाध्याय, रवि रंजन, शिव विश्वकर्मा, लखीकांत मोदी, दयाराम परमार सहित कई पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।

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