प्रथम परंपरा सदगुरु धर्मचंद देवजी महराज की 103वीं जयंती मनी

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। विहंगम योग संत समाज द्वारा बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में पेटरवार प्रखंड के अंगवाली स्थित सदगुरु सदाफल देवजी महराज की आश्रम सह मंदिर में एक मार्च को विहंगम योगी प्रथम परंपरा सदगुरु आचार्य धर्मचंद देव जी महराज की 103 वीं जयंती सादगी पूर्ण तरीके से गुरु भाइयों द्वारा मनाई गई।

इस अवसर पर यहां सत्संग का आयोजन किया गया। शुरू में निवर्तमान सदगुरुओं को माल्यार्पण तथा वर्तमान गुरु को पुष्प अर्पित एवं वंदना के साथ हुई। प्रधान आश्रम कार्यालय झूंसी, प्रयागराज से पधारे आचार्य बिनोद ने ब्रह्मविद्या एवं आध्यात्मिक विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि सदगुरु की दया से ही जीव का कल्याण निहित है।

उन्होंने कहा कि ईश्वर असीम दया करके जीवों को देव दुर्लभ मानव शरीर तो प्रदान करते हैं, पर इसका कल्याण सदगुरु के द्वारा ही होता है। विहंगम योग के बोकारो जिला प्रधान संयोजक नीलकंठ रविदास, कोयलांचल संयोजक आनंद केशरी, प्यारे लाल यादव, शिवचंद यादव आदि ने कहा कि विहंगम योग ईश्वर प्राप्ति का सहज एवं एक मात्र उपाय है। उपदेष्ठा पंचानन साव, विभास सिंह, नरेश मिश्रा, कमल साव आदि ने भी अपने विचार रखे।

आयोजित सत्संग गोष्ठी में इसी महीने के तीसरे सप्ताह में सदगुरु सदाफल देवजी महराज की आदमकद मूर्ति स्थापित किए जाने संबंधी चर्चा भी हुई। यहां मंदिर परिसर में ‘अ’ अंकित स्वेत ध्वजारोहन किया गया।सबों ने सामूहिक खिचड़ी महाप्रसाद का लुफ्त उठाया।

मौके पर गंगा साव, बलभद्र नायक, रामप्रवेश मिश्रा, खिरोधर गोप, इंद्रमोहन नायक, सूदन मिश्रा, नारायण मल्लाह, रामेश्वर राम, नागो सिंह, गोपाल दत्त, बैजनाथ नायक, राजेंद्र महतो सहित काफी संख्या में झुंझको, छपरडीह, बसेरिया आदि क्षेत्र से महिलाएं जुटी हुई थी।

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