नीलगायों से परेशान किसान छोड़ रहे हैं खेती

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले (Vaishali district) के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों ने घोड़ परास या नीलगाय की वजह से अब खेती करना छोड़ रहे हैं। जिले के लगभग सभी गांवों में इनकी इतनी संख्या हो गई है कि किसान का कोई भी फसल का बचना मुश्किल है।

जानकारी के अनुसार इन नीलगायों के कारण (Because Nilgai) जिले के तमाम किसान मक्का की खेती वर्षो पहले छोड़ चुके हैं। अब इस बार अधिक वर्षा की वजह से जिले में धान की रोपनी भी नही हुई। निचले इलाके में अभी भी जल जमाव है। जिससे गेहू की बुआई भी कम हुई है।

वैशाली जिला के हद में लालगंज प्रखंड (Lalganj block) के शीतल भकुरहर गांव के लघु कृषक रामनरेश सिंह ने बताया कि 15 वर्ष पहले सरकार ने प्रत्येक पंचायत में एक नर और दो मादा नीलगाय को पर्यावरण सन्तुलन के नाम पर छोड़ा था। आज पंचायत में लगभग 15 हजार इसकी संख्या हो गई है।

सरकार (Government) द्वारा इसे मारने पर प्रतिबंध है। दो वर्ष पहले सरकार ने इनकी जनसंख्या नियंत्रण के लिये मरवाना शुरू किया, लेकिन पशु प्रेमी पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एतराज पर मारने पर रोक लग गई। जिले ही नहीँ पूरे उत्तर बिहार में इन नीलगायों की बढ़ती संख्या ने किसानों के समक्ष भुखमरी की समस्या खरी कर दी है।

अगर सरकार द्वारा इन किसानों और खेतिहर मजदूरों को राशन नही दिया जाता तो 75 प्रतिशत किसान भुखमरी के शिकार हो गए रहते। इस संदर्भ में सबसे दु:खद पहलू है कि कोई भी जनप्रतिनिधि इस दिशा में आवाज तक नही उठा रहे हैं, और सरकार भी मौन है।

 

 879 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *