झामुमो की बैठक में हेमंत सोरेन की रिहाई पर जताया हर्ष, बताया सत्य की हुई जीत

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम के वरीय झामुमों कार्यकर्ता एवं सांसद के सलाहकार मो. तबारक खान की अध्यक्षता में 30 जून को गुवा मे झामुमों कार्यकर्ताओं की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मनोहरपुर के पूर्व जिला पार्षद सह झामुमों केन्द्रीय सदस्य बामिया माझी एवं गुवा पूर्व मुखिया कपिलेश्वर दोंगो कर रहे थे।

इस अवसर पर वरीय झामुमो कार्यकर्ता मो. तबारक खान ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा जमानत मिलने को सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। उन्होंने न्यायपालिक पर भरोसा कर सत्यमेव जयते कहा।

मौके पर खान ने कहा कि आगामी 6 जुलाई को गुवा में जिला स्तरीय बैठक सांसद जोबा माझी की अध्यक्षता में होगी। कहा कि उक्त बैठक के उपरांत गुवा व आसपास के क्षेत्रों में सांसद के सम्मान में भव्य विजय जुलूस निकाली जाएगी। विजय जुलूस के माध्यम से ग्रामीण आदिवासियो के साथ साथ क्षेत्र के आम मतदाताओं के प्रति अभार प्रकट किया जाएगा।

बैठक में मनोहरपुर के पूर्व जिला पार्षद सह झामुमो केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य बामिया माझी ने कहा कि गुआ लौह अयस्क खदान, किरीबुरु लौह अयस्क खदान, मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान, चिड़िया, मनोहरपुर लौह अयस्क खदान, टाटा स्टील लौंग प्रोडक्शन लिमिटेड, विजय टू लौह अयस्क खदान के साथ साथ घाटकुडी़, बडा़जामदा खदानों से निकलने वाली लाल पानी और लाल मिट्टी क्षेत्र की सबसे बडी समस्या है। कहा कि प्रदूषित जल कारो नदी और कोईना नदी में जाकर मिलता है।

लाल पानी, लाल मिट्टी से आमजनों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जल स्रोत को समाप्त हो रहा है। पानी जंगल में नहीं रहने के कारण जंगली जानवर यथा हाथी, भालू, सुअर, मवेशी, पंक्षी से लेकर रैयत किसानों और विभिन्न प्रकार के जानवर परेशान है। इसके चलते जंगली जानवर भी गाँव की ओर प्रवेश कर जाते हैं। जंगली जानवरो द्वारा ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि लीज के नाम पर अवैध रूप से अंधाधुंध वृक्षों को काट दिया जा रहा है। इससे भी जानवर से लेकर इंसान तक को तकलीफ होती है। माइंस प्रबंधन द्वारा छोडे़ गए लाल पानी, लाल मिट्टी से नुकसान रैयत किसानों को झेलना पड़ रहा है। कहा कि किसी तरह का रोजगार, नौकरी, मुवावजा की क्षतिपूर्ति माईंस संचालको द्वारा नहीं की जाती है।

लाल पानी एवं लाल मिट्टी से ग्रामीण रहिवासी पूरी तरह प्रभावित है। इसके विपरीत ग्रामीणों के खिलाफ कार्य किया जा रहा है। इसका उच्च स्तरीय जांच कर सारंडा वन क्षेत्र एवं वन प्रमंडल चाईबासा द्वारा राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए। उक्त मसले के लिए भी सांसद जोबा माझी के पास प्रतिवेदन दे आगामी 6 जुलाई को पहल की जाएगी। मौके पर अन्य कई कार्यकर्ता ने एक जुटता दिखाई।

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