डेढ़ माह बाद भी नजरुल की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पेक-नारायणपुर पुलिस विफल

जांच को दूसरी दिशा में ले जाने को विवश करते हैं ग्रामीण-अनिल लिंडा

हत्या का संदेश चिपकाये जाने से बोरवापानी में दहशत

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के बोरवापानी रहिवासी नजरुल अंसारी की हत्या के ढेर माह बाद भी पुलिस हत्यारे तक पहुंचने में अब तक नाकाम रही है। जिसके कारण ग्रामीणों में पुलिस प्रशासन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। एकबार फिर 14 जून को हत्या किए जाने का संदेश चिपकाये जाने से उक्त गांव में दहशत का माहौल है।

थाना प्रभारी के अनुसार परिवार जनों तथा ग्रामीणों द्वारा पुलिस जांच को दूसरी दिशा में ले जाने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

ज्ञात हो कि बीते 25 अप्रैल की अर्धरात्रि डोभा निर्माण के दौरान निर्माण स्थल के समीप सोए अवस्था में बोरवापानी रहिवासी नजरुल अंसारी की हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर 26 अप्रैल को पुलिस द्वारा मामला कांड संख्या 16/24 दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था। इसके बाद से अब तक पुलिस केवल अंधेरे में हाथ पैर मार रही है।

पुलिस अब तक किसी भी हत्यारे अथवा संदिग्ध को पकड़ कर पूछताछ तक करने की जहमत नहीं उठाई है। जिसके कारण बोरवापानी के ग्रामीण रहिवासियों में आक्रोश देखा जा रहा है।

इस संबंध में 14 जून को घटनास्थल के समीप उपस्थित बोरवापानी रहिवासी मृतक की माता फातिमा खातून, रिश्तेदार साबरा परवीन, वशीरन खातून, समरूदीन अंसारी आदि ने पुलिसिया जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए वरीय अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप कर हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।

ग्रामीणों ने उक्त स्थल पर मृतक की स्थिति तथा उसकी बाइक गिरा होने के तब की स्थिति की जानकारी उपस्थिति मीडिया कर्मियों को दी।वहीं मृतक के आवास पर मृतक की धर्मपत्नी हसीना खातून सहित अन्य लगभग दर्जनभर ग्रामीणों ने पुलिस द्वारा मामले को ढंग से जांच नहीं करने को लेकर सवालिया निशान लगाया। साथ ही अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। मृतक की पत्नी ने हत्या कांड में कई स्थानीय ग्रामीण के शामिल होने की आशंका जतायी गयी।

बताया जाता है कि ग्रामीणों के इस उहापोह के बीच बीते 13 जून की रात्रि मृतक के आवास के समीप बिजली के पोल पर कथित अपराधियों द्वारा पुनः हत्या किए जाने का संदेश चिपका कर मृतक के अन्य चार भाइयों की भी हत्या कर दिए जाने की बात कही है। हालांकि पुलिस द्वारा उक्त संदेश को बाद में वहां से हटा दिया गया।

बावजूद इसके उक्त गांव में एकबार फिर उक्त गांव में भय व् आक्रोश देखा जा रहा है। इस संबंध में पेंक-नारायणपुर थाना प्रभारी अनिल लिंडा ने संदेश चिपकाये जाने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि अब तक मृतक का पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण पुलिस जांच में परेशानी हो रही है।

थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटनास्थल पर मुआयना के बाद पुलिस को जेसीबी मशीन ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध दिख रही है, पुलिस इस ओर कदम बढ़ाना चाह रही है, बावजूद इसके मृतक के परिजन सहित स्थानीय ग्रामीण रहिवासी जेसीबी ऑपरेटर को क्लीन चिट देते हुए कई ग्रामीणों पर हत्या की आशंका जता रहे हैं, आदि।

जिसके कारण पुलिस स्वतंत्रता से मामले की जांच नहीं कर पा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिसिया जांच ग्रामीणों के भरोसे कार्य करती है अथवा तथ्य, साक्ष्य और वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश के आलोक में। यह सवालों के घेरे में है।

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