दूसरे को स्थापित करनेवाले को विस्थापित न बनाओ-गोपाल सिंह

आफिसर्स क्लब मे एसटी/एससी, ओबीसी इम्पलाई कोडिनेशन काउंसिल का सम्मेलन

नये कमेटी में इस्लाम कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष व् शंकर बने सचिव

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जिसने अपनी जमीन देकर दुसरो को स्थापित किया उसे उसे विस्थापित नहीं कहा जाये। सीसीएल, बीसीसीएल व् ईसीएल द्वारा झारखंड सरकार को प्रतिवर्ष रॉयल्टी व् डीएफएमटी मद में 5500 करोड़ दिया जाता है। कथारा क्षेत्र का गोबिंदपुर मेरे लिए शुभ है।

यहां रहनेवाले तमाम कामगार, ठेका मजदूर, व्यवसायी व् पत्रकारों के साथ किसी तरह का अन्याय वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उक्त बातें कोल इंडिया के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व् सीसीएल तथा बीसीसीएल के सेवानिवृत अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गोपाल सिंह ने 21 दिसंबर को बोकारो जिला के हद में ऑफिसर्स क्लब कथारा में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

जानकारी के अनुसार आफिसर्स क्लब कथारा मे एक दिवसीय एसटी/एससी एवं ओबीसी इम्पलाई को-ऑर्डिनेशन काउंसिल और सेवा जागरूकता मंच के बैनर तले भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि सीसीएल के पूर्व सीएमडी गोपाल सिंह शामिल हुए।

जबकि विशिष्ट अतिथि भारत सरकार व् बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के सचिव (सेवानिवृत) नागेंद्र दुवे, काऊंसिल के अध्यक्ष बृज किशोर पासवान, विद्युत बोर्ड के चेयरमैन (सेवानिवृत) विजय किशोर पांडेय, पूर्व विधायक व् झारखंड आंदोलनकारी स्व. अकलूराम महतो के पुत्र राजेश महतो, सीसीएल कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक डीके गुप्ता तथा क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार उपस्थित थे।

सम्मेलन की शुरुआत अतिथियों द्वारा सामुहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर तथा बिरसा मुंडा, डाॅ भीम राव अम्बेडकर तथा लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया गया।

सम्मेलन में आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा मौके पर मौजूद अतिथियों को गुलदस्ता और अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता मो. इस्लाम अंसारी तथा संचालन शंकर पासवान व काउंसिल के उपाध्यक्ष मो. इकबाल अहमद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सम्मेलन में चर्चा का मुख्य विषय था आरक्षण, प्रमोशन, रोस्टर, बैकलॉग, बहाली, विस्थापन व सामाजिक न्याय।

कार्यक्रम में बोलते हुए वक्ताओं जिसमे काउंसिल के अध्यक्ष बृज किशोर पासवान, नरेंद्र कुमार सिंह, राजेश महतो, कथारा जीएम डीके गुप्ता, विजय कुमार पांडेय, आर पी सिंह, ललन प्रसाद सिंह, विजय नारायण पांडेय, फेनी राम सोरेन आदि ने उपरोक्त विषयो पर चर्चा के साथ साथ क्षेत्र में फैले विस्थापितों, सीसीएल के कामगारों की दुर्दशा पर विशेष प्रकाश डाला और उसके समाधान को लेकर अपने अपने सुझाव दिए।

मौके पर काउंसिल के पुरानी कथारा क्षेत्रीय कमेटी को भंग कर नये कमेटी का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष मो. इस्लाम अंसारी, सचिव शंकर पासवान तथा कोषाध्यक्ष अयूब अंसारी को बनाया गया। काउंसिल के पदाधिकारियों ने विश्वास जताया कि नयी कमेटी कथारा क्षेत्र में दबे, कुचलो, विस्थापितों, सीसीएल के मजदूरों, ठेका मजदूरों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाने का काम करेगे।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि सेवानिवृत सीएमडी सह कोयलांचल जागरुकता मंच के अध्यक्ष गोपाल सिंह ने अपने संबोधन में जन समस्या से जुड़े मुद्दो को छुआ तथा कहा कि वे उनकी समस्याओं के निदान के लिए हर मोर्चे पर उनके साथ खड़ा रहेगे।

विस्थापितों की समस्याओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो रैयत अपनी जमीन देकर सीसीएल व अन्य कंपनियों को स्थापित करते हैं, वही विस्थापित का ठप्पा लिए जीवन भर अपने हक व अधिकार के लिए दर दर भटकते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जमीन के मालिक है आपको किसी के सामने गिड़गिड़ाने की जरूरत नहीं है।

केन्द्र सरकार ने आर एंड आर पॉलिसी के तहत यह नियम बना रखा है कि जमीन के मालिक को जमीन के बदले नौकरी, मुआवजा व पुर्नवास भूमि सत्यापन के दो माह के भीतर करवा दे। मगर यह दुर्भाग्य है कि रैयत आज भी अपने हक व अधिकार पाने के लिए संघर्षरत है।

उन्होंने स्थानीय अंचल अधिकारियों से आग्रह किया कि रैयतो के भूमि का सत्यापन कार्य एक माह के भीतर पुरा करे और सीसीएल प्रबंधन कैम्प लगाकर जमीन के मालिको को उनके अधिकार देने का काम करें। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही क्षेत्र में विस्थापितो को उनका अधिकार नही मिला तो वे स्वयं विस्थापितों के साथ क्षेत्र में आंदोलन करेगे।

पूर्व सीएमडी सिंह ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले इन सभी बातो को मै दबी जुबान में कहता था। सेवानिवृत्त होने के बाद खुलकर मंचो से बोलने का काम कर रहा हूंऔर आगे भी करता रहूंगा। कहा कि मै और सीएमडी से थोड़ा दिगर रहा हूं। मुझे अपने क्षेत्र की मिट्टी से इतना लगाव है कि मै इसे छोड़ बड़े शहरो मे बसने की कल्पना ही नहीं कर सकता।

यहीं कारण है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी मै झारखंड में ही रहकर गरीबो, मजलूमो, विस्थापितों को समस्याओं से निजात दिलाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने क्षेत्र के रहिवासियों से संगठित और एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनके पास क्षेत्र को समस्या मुक्त बनाने का रोड मैप तैयार है। जरुरत है सिर्फ उस पर अमल करने की।

उन्होंने नये कमिटी के सदस्यों को बधाई देने के साथ साथ उपस्थित लोगों को नव वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं दी। मौके पर काउंसिल के अध्यक्ष बृज किशोर पासवान ने कहा कि देश हित, समाज हित को लेकर काऊंसिल लगातार कार्य कर रही है। काऊंसिल कोई राजनीतिक संगठन नहीं बल्कि शुद्ध रूप से सामाजिक संगठन है।

यह जाति, धर्म से इतर समाज हित के लिए सोंचती है, इसलिए इसमें कर्मचारी, ठेका मजदूर, प्रशासन से जुड़े प्रबुद्ध जन के अलावा समाज के दबे, कुचले, दलित, शोषित सभी के लिए सम्मान की भावना है।
विद्युत बोर्ड के पूर्व चेयरमैन विजय किशोर पांडेय ने कहा कि बहुत कम जगहों पर कामगारों और प्रबंधन के बीच समन्वय देखा जाता है, उनमे कथारा भी है।

पूर्व सचिव नागेंद्र दुवे ने कहा कि बेरमो कोयलांचल से मेरा रिश्ता वर्ष 1972 से रहा है। इसलिए यहां के सभी हमारे अपने है। राजेश महतो ने कहा कि अधिकार लेने के लिए इच्छा शक्ति को दृढ़ बनाये रखना होगा। पिपरवार के ललन सिंह ने कहा कि गोपाल सिंह के नेतृत्व में संगठन निश्चित ही कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है।

इसका प्रमाण वे अपने क्षेत्र में देख चुके है। जब इनके सीसीएल के सीएमडी रहते रेलवे के लिए असंभव रेल लाईन बिछाकर पिपरवार को नया साइडिंग दिया, जिसके कारण आज प्रतिदिन वहां से दस रैक कोयला डिस्पैच हो रहा है।

काऊंसिल के उपाध्यक्ष इक़बाल अहमद ने कहा कि यह मंच किसी पार्टी, ट्रेड यूनियन या फिर किसी जाति धर्म का नही बल्कि पूर्व सीएमडी सिंह के मार्ग दर्शन मे चलने वाली गैर राजनीतिक संस्था है, जो दबे, कुचले, विस्थापितों को उसके हक व अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसमे आम जनो के अलावे देश के नामचीन हस्तियां शामिल हैं, जो जीवन भर देश के विभिन्न विभागों के सर्वोच्च पदो पर योगदान दिया और सेवा निवृत होने के बाद गरीबो, दलितों, विस्थापितों को समस्याओं से निजात दिलाने का जज्बा लिए संगठन का हिस्सा बने हैं। फीनीराम सोरेन ने सम्मेलन के आयोजन को जरूरतमंदो की आवाज बताया।

मौके पर उपरोक्त गणमान्य जनों के अलावे जिला परिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह, महिला नेत्री कांति सिंह, श्रमिक नेता अनिल सिंह, बैरिष्टर सिंह, बालेसर यादव, शाने रजा, लाल चन्द यादव, गोपी कुमार, राजेंद्र प्रसाद, जाकीर हुसैन, शमशुल हक, पुर्व मुखिया श्रीराम हेम्ब्रम तथा मो. मुस्ताक अहमद, सागर पासवान, तेजु रविदास, हाजी सरफुदीन अंसारी आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि सिंह द्वारा कही एक बात पर क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने संगठन के कार्यकर्ताओं से कहा कि पत्रकारों और साहित्यकारों ने अगर आजादी की लड़ाई में सकारात्मक भूमिका नही निभाई होती तो आजादी मे सौ वर्षों का और समय लगता। उन्होंने मिडिया को समाज का आईना कहा।

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