वैशाली में जिला स्थापना स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन

समारोह में नेपाल, भारत और बंगलादेश के पत्रकार सम्मानित

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। विश्व में गणतंत्र की जननी के रूप में स्थापित बिहार के वैशाली जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर वैशाली गढ़ स्थित विश्व शांति स्तूप के निकट जिला सवर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

वैशाली स्थित द बुद्धा फन एंड फूड विलेज सभागार में मानवाधिकार टुडे और आम्रपाली कला साहित्य सम्मेलन के संयुक्त तत्वावधान में सार्क जर्नलिस्ट फोरम, बिहार, इंडिया चैप्टर के सहयोग से वैशाली जिला स्थापना स्वर्ण जयंती वर्ष समापन समारोह गत दिनों आयोजित किया गया।

समारोह का शुभारंभ अंतरराष्ट्रीय लोक संस्कृति संवाहिका मॉरीशस की डॉ सरिता बुधु, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ, दूरदर्शन केंद्र पटना के कार्यक्रम प्रमुख डॉ राजकुमार नाहर, मानवाधिकार संवाहक डॉ शशि भूषण कुमार, प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ उषा वर्मा, सार्क जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष राजू लामा और हेलो ढाका न्यूज के मो. अब्दुर रहमान ने दीप प्रज्जवलित कर संयुक्त रूप से किया।

समारोह में उपरोक्त के अलावे बिहार की प्रसिद्ध महिला रोग विशेषज्ञ डॉ शांति राय, पद्मश्री किसान चाची के नाम से मशहूर राजकुमारी देवी के अलावा नेपाल, भारत और बांग्लादेश से आए पत्रकारों के 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए डॉ सरिता बुधु ने कहा कि युद्ध की विभीषिका मानवता की सबसे बड़ी शत्रु है। इसका प्रतिकूल प्रभाव काफी लंबे समय तक पड़ता है। संबोधित करते हुए सार्क जर्नलिस्ट्स फोरम के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राजु लामा ने शान्ति के आगे युद्ध की परिचर्चा को नकारते हुए शान्ति के विकल्प दुनिया मे मानवाधिकार की गारंटी असंभव बताया।

उन्होंने बुद्ध और महावीर के रास्ते पर चलना ही आज की आवश्यकता ठहराते हुए सार्क जर्नलिस्ट्स फोरम इसी एजेण्डे पर गठन होना बताया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने कहा कि युद्ध के दौरान मानवाधिकार का हनन व्यापकता के साथ होता है। उन्होंने कहा कि आज विश्व पुनः दो धड़ों में विभाजित हो चुका है, जो वर्तमान स्थिति में विश्व के लिए शुभ नहीं है।

स्वागताध्यक्ष डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक सशक्तीकरण के लिए मानवाधिकार का संरक्षण नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वैशाली भगवान महावीर की जन्म भूमि व भगवान बुद्ध की कर्मभूमि होने के साथ-साथ प्रजातंत्र की जननी भी है। डॉ राजकुमार नाहर ने कहा कि प्रजातंत्र शासन की सबसे सर्वोत्कृष्ट पद्धति है। शांति स्थापना हेतु मानवाधिकार संरक्षण एक आवश्यक शर्त है। राजू लामा ने कहा कि नेपाल और भारत वर्षों से साथ है।

दोनों की संस्कृति की अनूठी विशेषता है और दोनों देश शांति स्थापना के लिए प्रयत्नशील है। पद्मश्री राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व को बुद्ध, महावीर एवं गांधी के विचारों की जरूरत है। पद्मश्री डॉ शांति राय ने अपने संबोधन में कहा कि युद्ध से अनेकों समस्याएं सामने आती है। यह किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

मो. अब्दुर रहमान ने कहा कि वैशाली ने विश्व को प्रजातंत्र का संदेश दिया है। यह विश्व में प्रजातांत्रिक विचारों का प्रसार किया है। एलीट इंस्टीट्यूट के संस्थापक अमरनाथ झा ने कहा कि मानवाधिकार और लोकतंत्र एक-दूसरे के पूरक है।

समारोह में शिक्षा, पत्रकारिता और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले राष्ट्रीय और स्थानीय मनीषियों को सम्मानित किया गया। जिले के शिक्षाविद और एम पी एस स्कूल के संस्थापक मुरारी प्रसाद सिंह को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

समारोह कार्यक्रम का मंच संचालन कौशर परवेज और धन्यवाद ज्ञापन डॉ शिवबालक राय प्रभाकर ने किया। समारोह में उपरोक्त के अलावा डॉ नीतू नवगीत, आनंद मोहन झा, विराजन सिंह, अमरेंद्र कुमार, रविन्द्र कुमार रतन, चंद्रशेखर अखौरी, सुधा वर्मा, प्रतीक कुमार, दीपक कुमार साह सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य उपस्थित हुए।

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