रसद – आपूर्ति श्रृंखला को सुगम बनाने के लिए नीटी में चर्चा

क्षमता, विकास और ज्ञान ही समय की मांग है – प्रो. तिवारी

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। देश की रसद और आपूर्ति श्रृंखला को सुगम और मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान (नीटी), (National Institute of Industrial Engineering) (NITIE), मुंबई में क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

नीटी उत्कृष्ठता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) द्वारा आयोजित इस चर्चा सत्र में रसद और आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र के अनेक कार्पोरेट कंपनियों (Corporate Companies) एवं संगठनों के कार्यपालक उपस्थित थे। नीटी, मुंबई ने हाल ही में इस केंद्र की स्थापना की थी जिसका उद्घघाटन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किया थे।

कार्यक्रम (Program) के प्रमुख अतिथि अतुल कुलकर्णी, निदेशक, यूरेसिया स्पेशल टेक्नॉलॉजीज प्रा.लि. ने बताया कि नीटी में स्थापित यह केंद्र रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन शिक्षा में विशेषज्ञता प्रदान करने, आदि।

वर्तमान कारोबारी माहौल में कौशल विकास करने, वैश्विक प्रबंधन प्रथाओं की चपलता के साथ मिश्रित भारतीय प्रबंधन प्रणाली के लोकाचार, मूल्यों और प्रथाओं का पोषण और विकास करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

इस केंद्र का उद्देश्य अनुप्रयुक्त अनुसंधान और विकास गतिविधियों के माध्यम से रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान, ज्ञान-निर्माण और क्षमता निर्माण करना है।

नीटी के निदेशक प्रो. मनोज कुमार तिवारी के अनुसार, रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, कौशल विकास और ज्ञान सृजन करना समय की मांग है, हमारा लक्ष्य रसद लागत को जीडीपी के 15-16% से घटाकर 8% करने के प्रधानमंत्री (Prime minister) के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करना है, रसद और आपूर्ति श्रृंखला, डिजिटलीकरण, विश्लेषिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा करना है।

उत्कृष्टता केंद्र की समन्वयक एवं प्राध्यापक प्रो. हेमा दाते, संकायाध्यक्ष (छात्र कार्य एवं स्थापन) ने बताया कि इस केंद्र का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग एप्लिकेशन तथा डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से एनालिटिक्स, आईओटी एप्लिकेशन के क्षेत्र में उद्योग के व्यापक समाधान लागू करना है. साथ ही, जटिल रसद संचालन को अनुकूलित करने के लिए निगरानी और विश्लेषण को मजबूत करना है।

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