छोटे-बड़े उद्योग व सामग्रियों को देवघर मार्ट से जोड़ने की प्रक्रिया को दे गति-उपायुक्त

उपायुक्त ने लघु कुटीर उद्योग से जुड़े प्रखंड समन्वयकों को जमीनी स्तर पर कार्य करने का दिया निर्देश
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath Bhajantri)  की अध्यक्षता में 3 अप्रैल को लघु कुटीर उद्योग के तहत किये जा रहे कार्यों एवं पेड़ा व्यवसाय को जीआई टैगिंग को लेकर किये जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने पूर्व में दिये गये दिशा-निर्देश के अनुपालन को लेकर किये जा रहे कार्यों की बिन्दुआर समीक्षा करते हुए लघु कुटीर उद्योग के जिला समन्वयक व प्रखंड समन्वयकों को निदेशित किया कि जीआई टैग से जुड़ी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूर्ण करें, ताकि बाबा बैद्यनाथधाम के पेड़ा को जीआई टैग से जोड़ा जा सके।
बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने पत्तल से बनने वाले दोना, थाली, प्लेट व अन्य सामग्रियों को स्थायित्व, टिकाउपन, लिकप्रूफ बनाने की आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को निदेशित किया कि इन सामग्रियों के भी बेहतर रूप से बनाने के उदेश्य से बेहतर कार्य योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि थर्मोकाॅल व प्लास्टिक के जगह पत्तल से बने सामानों का उपयोग लोग कर सकें। बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि जल्द ही देवघर मार्ट(Deoghar Mart) के नाम से ऑनलाइन प्लेटफार्म को विकसित किया जा रहा है। जहाँ देवघर जिला अंतर्गत कई तरह के लघु एवं कुटीर उद्योग यथा- पेड़ा उद्योग, लोहारगिरी उद्योग, मिट्टी के बर्तन निर्माण, सिलाई-कढ़ाई, बंबू उद्योग, लाह चुड़ी व लहठी उद्योग, जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा निर्मित सामान के अलावा स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित सामानों को सूचीबद्ध किया जाएगा। साथ ही विक्रय हेतु सामानों को बेहतर करते हुए उनके गुणवत्ता में सुधार एवं उनके बाजारीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए इन उद्योगों को राज्य, देश के साथ-साथ विश्व स्तर पर ख्याति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे में आवश्यक है कि आप सभी जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए स्थानीय लोगों द्वारा बनाये जा रहे सामग्रियों को चिन्ह्ति करते हुए देवघर मार्ट से जोड़ने की प्रक्रिया को गति दें।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त भजंत्री ने जिला अंतर्गत संचालित उद्योगों के बेहतरी हेतु जिला स्तर पर समिति के सदस्यों को निदेशित किया कि बेहतर समन्वय व संबंधित दुकानदारों को एवं उद्योग से जुड़े लोगों को जागरूक कर छोटे-बड़े विभिन्न उद्योगों का सर्वेक्षण कर उन उद्योगों के संचालन में आ रही समस्याओं का जिला स्तर से निदान कर उनको बेहतर सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करें। साथ हीं देवघर जिलान्तर्गत संचालित सभी उद्योगों को विश्वपटल पर लाने एवं निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में समिति द्वारा बेहतर कार्य किया जाय। ताकि जिले एवं राज्य का नाम के साथ-साथ इन उद्योगों से जुड़े लोगो को भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त किया जा सके। उपायुक्त ने जीआई टैगिंग को लेकर पेड़ा उद्योग के छोटे-बड़े व्यवसायियों को जागरूक करते हुए जीआई टैगिंग के फायदों से अवगत करायें, ताकि जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा किया जा सके।
उपायुक्त ने लघु-कुटीर उद्योग की समीक्षा के दौरान क्लस्टर विकास कार्यक्रम के समुचित क्रियान्वयन किए जाने के निर्देश दिया। इसके अंतर्गत क्लस्टर में कार्यरत इकाईयों के लिए सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाए, अधोसंरचना का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण किया जाए और जिलों में मार्केटिंग हब को लेकर किये जाने वाले कार्यों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करें। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिले की आवश्यकता के अनुरूप लोहार, बढ़ई, कारीगर, कुम्हार, बम्बू, आदि परम्परागत कार्यों को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए संबंधितों को प्रशिक्षण देकर व्यवसाय स्थापना में उनका पूरा सहयोग किया जाए। उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान डीपीएम जेएसएलपीएस प्रकाश रंजन, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, लघु कुटीर उद्योग के जिला समन्वयक नीरज कुमार, विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड उद्यमी समन्वयक के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।

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