जिले में वृहत स्तर पर रैपिड एंटीजेन टेस्ट ड्राईव का आयोजन-उपायुक्त

सावधानी और सतर्कता के साथ कोरोना के प्रति सभी को करें जागरूक-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath bhajantri) द्वारा जानकारी दी गई है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा सभी प्रखंडो में रैपिड एंटीजेन टेस्ट (RAT) ड्राईव का आयोजन कर लोगों का सैम्पल कलेक्ट किया जा रहा है, ताकि जिले में संक्रमण की स्थिति व रोकथाम को लेकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। साथ ही रैपिड एंटीजेन टेस्ट ड्राइव के तहत राज्य सरकार द्वारा देवघर जिला के हद में इस ड्राइव हेतु 6000 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट (RAT) ड्राईव का मुख्य उद्देश्य लोगों को संक्रमण के प्रति सतर्क और सावधान करना है, ताकि लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद आवश्यक सावधानी बरतते हुए कोविड नियमों का अनुपालन करे। अपने परिवार के साथ दूसरों को संक्रमित होने से बचा सके। कोविड टेस्ट कराते वक्त ये कोई नहीं चाहता कि उसका परिणाम पॉज़ीटिव आए, लेकिन जब आता है तो किसी की भी चिंता बढ़ सकती है। हालांकि, जैसे ही आपको कोविड पॉज़ीटिव का पता चले, तो बेहतर यही है कि आगे क्या करना है इसकी तैयारी कर ली जाए। 80 प्रतिशत मामले हल्के या मध्यम स्तर के हैं। ज़्यादातर मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती होने की भी ज़रूरत नहीं पड़ रही है। फिर भी पॉज़ीटिव आना चिंताजनक हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सही समय पर अगर इलाज शुरू हो जाए, तो मामला बिगड़ने से बचा जा सकता है। ऐसे में आपको जैसे ही अपने टेस्ट का रिजल्ट मिल जाए, सबसे पहले डॉक्टर से सलाह करें। क्या दवाएं खानी होंगी, डाइट में क्या बदलाव होंगे और क्या सावधानियां बरतनी होंगी। एक मेडिकल एक्सपर्ट आपकी इन सभी चीज़ों में मदद करेगा। अगर आप पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी ज़रूर दे दें। याद रखें कि खुद का इलाज कभी ना करें।
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जानकारी दी कि अपने परिवार को इस संक्रमण से बचाने के लिए आपका आइसोलेशन में रहना ज़रूरी है। अगर आपको घर पर आइसोलेट करने की सलाह दी गई है, तो इसके कुछ नियम हैं जो आपको भी फॉलो करने होंगे। खुद को ऐसे कमरे में रखें, जहां आप बाकी परिवार से दूर रह सकें। ध्यान रखें कि कम से कम दो हफ्तों तक परिवार के बाकी सदस्यों के साथ आप बाथरूम से लेकर बर्तन भी शेयर न करें। आपके परिवार के सदस्यों को भी कोविड-19 का टेस्ट कराना होगा। एक घर में जितने लोग रह रहे हैं, उन्हें भी कम से कम एक हफ्तें के लिए मरीज़ के साथ क्वारेंटीन करना होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉज़ीटिव आने के बाद पहले दो हफ्तों तक अपने लक्षणों पर ध्यान रखना ज़रूरी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5-10 दिनों के बीच संक्रमण गंभीर हो जाते हैं। 8वें या 9वें दिन आमतौर पर वह समय होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली अतिव्यापी हो जाती है और साइटोकिन तूफान सहित कठोर परिणाम लॉन्च करती है। अगर मरीजों को इस दौरान लक्षणों में कमी नहीं दिखाई देती है, तो अतिरिक्त टेस्ट के आदेश दिए जा सकते हैं।
इन जगहों पर हो रही कोविड-19 की जांच….नया सदर अस्पताल परिसर, पुराना सदर अस्पताल परिसर, बाजल चौक के समीप रेड रोज स्कूल, रंगा मोड़ के समीप। इसके अलावे सभी प्रखंडो में प्रखंड विकास पदाधिकारी की देखरेख में रैपिड एंटीजेन टेस्ट के माध्यम से लोगों का सैम्पल लिया जा रहा हैं।

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