संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कार्पोरेट की दीर्घकालिक योजना-शर्मा

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) बोकारो जिला सचिव सह राज्य कमिटी सदस्य भागीरथ शर्मा ने पार्टी झारखंड राज्य सचिव मंडल के व्यान के हवाले से 29 जुलाई को प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि बीते 28 जुलाई को लोक सभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वरा संथाल परगना को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की गयी है। यह आपत्तिजनक व कार्पोरेट्स परस्त है। जिसका हमारी पार्टी माकपा विरोध करती है।

शर्मा ने कहा कि निशिकांत दुबे की केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कार्पोरेट घरानों का दीर्घकालिक मांग का हिस्सा है, क्योंकि संथाल परगना में उपलब्ध खनिज और प्राकृतिक संसाधनों की लूट के लिए केंद्र शासित प्रदेश बड़े पूंजीपतियों के लिए आसान चारागाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सांसद दुबे इन्ही पूंजीपतियों के प्रवक्ता बनकर संसद में इस प्रकार बेतुकी बात बोल रहे हैं।

माकपा नेता शर्मा ने कहा कि संथाल परगाना झारखंड का अविभाज्य हिस्सा है, यहां के कुल 6 जिलों में से 4 जिला दुमका, साहेबगंज, पाकुड और जामताड़ा पुरी तरह संविधान की 5वीं अनुसूचित के अंतर्गत आता है। वहीं देवधर और गोड्डा जिला का कुछ हिस्से को छोड़कर प्रमंडल के 50 प्रखंडों में से 33 प्रखंड पुरी तरह अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं।

इसके अलावा संथाल परगना में जमीन संबंधी अलग कानून यानि संथाल परगाना काश्तकारी कानून लागू है। यह कानून इस इलाके में यहां के आदिवासियों व स्थानीय रहिवासियों की जमीन के लिए सुरक्षा कवच है, जो कार्पोरेट घरानों द्वारा यहां जमीन की लूट में बड़ी बाधा है।

शर्मा ने कहा कि संथाल परगना के केंद्र शासित प्रदेश बनने से यह सभी संवैधानिक प्रावधान केंद्र सरकार द्वारा शिथिल कर दिए जाएंगे और पूंजीपतियों द्वारा यहां के जंगल, जमीन, जल और खनिज का दोहन तेज हो जाएगा। कहा कि अभी इस क्षेत्र में कई कोयला खदानो की नीलामी हुई है।

गोड्डा जिला में गौतम अडानी के पावर प्लांट के लिए साहेबगंज जिले में बहने वाली गंगा नदी से प्रतिवर्ष 36 एमसीएम यानि 10 करोड लीटर प्रतिदिन वहां से भेजा जाता है। अभी यह स्थिति है।

यदि यह इलाका केंद्र शासित हो जाएगा तब प्राकृतिक सम्पदा की लूट और आसान हो जाएगी। इसलिए कार्पोरेट घरानो की ही आवाज उठाते हुए सांसद निशिकांत दुबे यहां की डेमोग्राफी बदल जाने और बांग्लादेशी घुसपैठिओं का विभाजन कारी हौवा खड़ा कर संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की वकालत कर रहे हैं। इस साजिश का माकपा डटकर विरोध करेगी।

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