जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा विद्यालय में वाद-विवाद एवं चित्रांकन प्रतियोगिता

बालिका मध्य विद्यालय में छात्रों के बीच आयोजित प्रतियोगिता में छात्राएं पुरस्कृत

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। नालसा नई दिल्ली एवं झारखंड रांची के निर्देशानुसार 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित संविधान दिवस/सप्ताह के तहत 29 नवंबर को +2 उच्च विद्यालय एवं रानी लक्ष्मीबाई बालिका मध्य विद्यालय गिरिडीह में छात्र छात्राओं के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

भारतीय संविधान के अंतर्गत नागरिकों के मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों एवं मानवाधिकार विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता, पेंटिंग एवं लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर छात्रों को भारतीय संविधान के मूलभूत विषयों के संबंध में जागरूक किया गया।

इस अवसर पर गिरिडीह जिला (Giridih) विधिक सेवा प्राधिकार सचिव सौरव कुमार गौतम ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान ही भारत का सर्वोच्च ग्रंथ है। इसकी प्रस्तावना संविधान की कुंजी है। भारत के संविधान में इस देश के समस्त नागरिकों के लिए अधिकारों की व्यवस्था की गई है।

साथ ही साथ पूरे देश का संचालन भारतीय संविधान के माध्यम से ही होता है। उन्होंने कहा कि भारत में जितने भी कानून हैं वह सभी संविधान के दायरे में ही संचालित होते हैं। संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के तहत ही देश में विद्यार्थियों को भी शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है।

विद्यालयों में सरकार (Government) द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना, निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, पोशाक का वितरण, छात्रवृत्ति एवं साइकिल का वितरण किया जाता है। ताकि बच्चे गरीबी एवं अभाव की वजह से शिक्षा पाने के अपने मूलभूत अधिकार से वंचित नहीं रहे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत विद्यालय से जुड़कर शिक्षा ग्रहण कर सकें।

उन्होंने भारतीय संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकारों, मूल कर्तव्यों एवं मानवाधिकारों के ऊपर जागरूक करते हुए कहा कि भारत के संवैधानिक सिद्धांत में इस देश के समस्त नागरिकों के लिए बहुत सारे अधिकार प्रदान किए गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।

भारतीय संविधान में अपने नागरिकों से मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों की भी अपेक्षा की गई है। अतः प्रत्येक नागरिक का यह फर्ज है कि वह अपने अधिकारों के प्रति सजग तो रहे, लेकिन राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का भी निर्वहन करें, ताकि राष्ट्र की उन्नति एवं समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने में हर नागरिक अपना अहम योगदान दे सके।

इस दौरान उपस्थित छात्र छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण प्रावधानों से संबंधित प्रश्न पूछे, जिसका सटिक उत्तर देकर सचिव ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया।

सचिव ने विद्यार्थियों से कहा कि आप लोग अपने छात्र जीवन में अच्छे तरीके से शिक्षा ग्रहण करें। उच्च शिक्षा प्राप्त करें तथा सभ्य नागरिक बनकर समाज में कार्य करें। जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा आम जनों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी उन्होंने बच्चों को जागरूक किया।

कार्यक्रम में सचिव गौतम द्वारा +2 उच्च विद्यालय गिरिडीह में वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित छात्र छात्राओं को डिक्शनरी, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स एवं डायरी देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार रानी लक्ष्मीबाई बालिका मध्य विद्यालय में पेंटिंग, चित्रांकन और निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित विद्यार्थियों को डिक्शनरी, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स, डायरी, कलम इत्यादि देकर पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह से संबद्ध एनजीओ जागो फाउंडेशन द्वारा पुरस्कार वितरण सामग्री में सहयोग करते हुए अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से कार्यक्रम को संचालित करने में सहयोग किया गया। इस दौरान जागो फाउंडेशन की ओर से सरोजीत कुमार एवं अन्य एनजीओ कर्मियों ने उक्त दोनों कार्यक्रमों में उपस्थित बच्चों को अपनी तरफ से भी पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम में सचिव गौतम, उक्त दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्य, तमाम शिक्षकगण, शिक्षकेतर कर्मी, जागो फाउंडेशन के कर्मचारीगण सहित पारा लीगल वालंटियर दिलीप कुमार, संतोष कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार कर्मी नवनीत कुमार दाराद, देवेंद्र कुमार दास आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन फ्रंट कार्यालय गिरिडीह के पारा लीगल वॉलिंटियर दिलीप कुमार ने किया।

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