नक्सलियों की धर पकड़ के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचे सीआरपीएफ व पुलिस उच्चाधिकारी

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में कोल्हान एवं सारंडा सीमावर्ती रिजर्व वन क्षेत्र में पुलिस व सीआरपीएफ के उच्च पदाधिकारियों ने 28 अक्टूबर को अचानक गतिविधियां बढ़ा दी।

जानकारी के अनुसार 28 अक्टूबर की दोपहर झारखंड पुलिस के हेलिकॉप्टर से सीआरपीएफ व पुलिस के उच्च अधिकारी सीधे रांची से सारंडा के घने जंगल स्थित रोवाम गांव के समीप अस्थाई हैलीपैड पर उतरे। इसमें आईजी स्तर के उच्च अधिकारियों के अलावे डीआईजी इन्द्रजीत महथा आदि थे।

सभी हैलीपेड से वाहन से सीधे रोवाम कैम्प गये। इन अधिकारियों को छोड़कर उक्त हेलिकॉप्टर वापस चला गया। लगभग आधा घंटा बाद चाईबासा से डीआईजी अजय लिंडा, एसपी आशुतोष शेखर के अलावे पुलिस व सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों को लेकर पुनः इसी स्थान पर उतरा। सभी अधिकारी रोवाम कैम्प पहुंचे एवं अंदर जरूरी बैठक की।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार भाकपा माओवादी नक्सलियों का अश्विन का दस्ता पिछले कुछ दिनों से सारंडा सीमा से सटे टोंटो थाना क्षेत्र के कोल्हान जंगल में शरण लिये हुये है। ये नक्सली आकाहाटा, राजाबासा गांव के बीच बाईं तरफ जंगल जिसे झारखंड गोड़ा अथवा झारखंड गांव कहा जाता है, वहां शरण लिये हुये हैं।

झारखंड गोड़ा वैसे क्षेत्र को कहा जाता है जहां ग्रामीण अवैध तरीके से जंगलों को काटकर गांव बसाये हुये हैं। इन गांवों में ही नक्सली प्रायः शरण लेते हैं। ऐसे गांवों के रहिवासी वन विभाग से अपना बचाव हेतु ही नक्सलियों को सारंडा व कोल्हान जंगल में लाये थे।

गोईलकेरा व टोंटो क्षेत्र के जंगलों से पुलिस नक्सलियों को जड़ से उखाड़ते हुये उन्हें सीमित क्षेत्रों में सिमटा दिया है। अब नक्सली कोल्हान जंगल से धीरे-धीरे भागकर सारंडा जंगल क्षेत्र में घुसने की तैयारी में हैं। इन्हीं नक्सलियों को घेरकर मार गिराने की तैयारी में पुलिस लगी है।

बताया जाता है कि आज उक्त सारे अधिकारियों का अचानक रोवाम जंगल में स्थित कैम्प में बैठकर रणनीति बनाना इसी का मुख्य कारण बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं बता रही है। यहां तक कि सीआरपीएफ जवानों द्वारा तस्वीर लेने से भी मना किया जा रहा था।

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